कौन-सी 5 ज़रूरी प्रेग्नेंसी केयर टिप्स फॉलो करने चाहिए?
hamburgerIcon

Se

Orders

login

Profile

STORE
Skin CareHair CarePreg & MomsBaby CareDiapersMoreGet Mylo App

Get MYLO APP

Install Mylo app Now and unlock new features

💰 Extra 20% OFF on 1st purchase

🥗 Get Diet Chart for your little one

📈 Track your baby’s growth

👩‍⚕️ Get daily tips

OR

Cloth Diapers

Diaper Pants

This changing weather, protect your family with big discounts! Use code: FIRST10This changing weather, protect your family with big discounts! Use code: FIRST10
ADDED TO CART SUCCESSFULLY GO TO CART

Article Continues below advertisement

  • Home arrow
  • Things to Avoid During Pregnancy in Hindi | प्रेग्नेंसी में आपको क्या नहीं करना चाहिए? arrow

In this Article

  • यहां टॉप 5 चीजें हैं जो एक औरत को प्रेग्नेंट होने पर करनी चाहिए
  • · अच्छी प्रीनेटल केयर लें.
  • · अच्छी तरह से खाने पर ध्यान दें
  • · प्रीनेटल विटामिन लें
  • · रेगुलर एक्सरसाइज करें
  • · थोड़ा आराम करें
  • · शराब, ड्रग्स और धूम्रपान से बचें.
  • · कैफ़ीन लेना कम करें
  • · वैक्सीन लगवाएं
  • · काम में मदद मांगें.
  • · सुरक्षित रहें
  • · अपनी इमोशनल हेल्थ का ध्यान रखें.
  • निष्कर्ष
Things to Avoid During Pregnancy in Hindi | प्रेग्नेंसी में आपको क्या नहीं करना चाहिए?

views icons21566

Things to Avoid During Pregnancy in Hindi | प्रेग्नेंसी में आपको क्या नहीं करना चाहिए?

Updated on 10 August 2023

अगर आप प्रेग्नेंट हैं या प्रेग्नेंट होना चाह रही हैं, तो आपके प्रेग्नेंसी से जुड़े बहुत सारे सवाल होंगे. प्रेग्नेंसी के दौरान मुझे अपना ख्याल कैसे रखना चाहिए? प्रेग्नेंसी के दौरान क्या करें? प्रेग्नेंसी के दौरान क्या ना करें? बहुत सारे दूसरे सवाल भी हैं. एक हेल्दी प्रेग्नेंसी की शुरुआत अच्छी प्रीनेटल केयर से होती है, इसलिए एक अच्छा डॉक्टर चुनें. दूसरी प्रेग्नेंसी टिप्स में शराब, धूम्रपान और ड्रग्स से बचना, कैफ़ीन का सेवन कम करना, अच्छा खाना और नाश्ता करना और प्रीनेटल विटामिन लेना है. एक अच्छे एक्सरसाइज प्रोग्राम से ताकत बढ़ाना और स्ट्रेस कम करना, पूरा आराम और वैक्सीन लेना और अपनी इमोशनल हेल्थ का ख्याल रखना भी ज़रूरी है.

यहां टॉप 5 चीजें हैं जो एक औरत को प्रेग्नेंट होने पर करनी चाहिए

अब जब आप जानते हैं कि आप जल्द ही माँ बनने वाली है तो फ़िजिकली और मेंटली अपना ख्याल रखना पहले से कहीं ज़्यादा ज़रूरी हो जाता है. फिर भी, प्रेग्नेंसी के दौरान कई चीजें आपके कंट्रोल में नहीं होती हैं, जिसमें प्रेग्नेंसी की परेशानियां भी शामिल हैं. हालांकि, आप इन प्रेग्नेंसी केयर टिप्स को फॉलो करके एक आसान प्रेग्नेंसी और एक हेल्दी बच्चा होने की उम्मीदों को बढ़ा सकते हैं.

· अच्छी प्रीनेटल केयर लें.

आपको और आपके बच्चे को अच्छी प्रीनेटल केयर लेनी होगी. अगर आपने प्रेग्नेंसी के दौरान अपनी देखभाल के लिए डॉक्टर नहीं चुना है, तो दोस्तों, परिवार और अपने किसी दूसरे हेल्थकेयर प्रोवाइडर से सलाह लेना शुरू करें. इसके अलावा, अगर आपके पास हेल्थ इंश्योरेंस नहीं है या कम ख़र्चे वाली प्रीनेटल केयर चाहिए तो कई ऑप्शन हैं. हालांकि, ऐसी प्रेग्नेंसी केयर देनेवाला ढूंढना ज़रूरी है जो आपको आराम और सुरक्षित महसूस कराता हो. घर पर किए प्रेग्नेंसी टेस्ट में पॉज़िटिव होने पर तुरंत अपने डॉक्टर को कॉल करें अपनी पहली प्रीनेटल विज़िट तय करें. उस विज़िट में, आपका डॉक्टर कुछ हालातों के लिए आपकी जांच करेगा जिससे परेशानियां हो सकती हैं. आपका डॉक्टर आपके द्वारा ली जा रही किसी भी दवाई की जांच कर सकता है और किसी भी दवाई को रोकने का फैसला करने से पहले नुकसान और फ़ायदों के बारे में बता सकता है.

Article continues below advertisment

आपका डॉक्टर आपको अपॉइंटमेंट की एक लिस्ट देगा. आपको पहली और दूसरी तिमाही में हर चार हफ़्ते में जाना होगा. बाद में आपकी तीसरी तिमाही में, आपको 28 से 36 हफ़्तों में हर दो हफ़्ते में और जन्म देने तक हर हफ़्ते जाना होगा. अगर आपको हाई-रिस्क प्रेग्नेंसी है, तो आपको देखरेख के लिए ज़्यादा बार अपने डॉक्टर के पास जाना होगा. आपको अपनी हाई-रिस्क प्रेग्नेंसी की देखभाल के लिए एक क़ाबिल मैटरनल फ़ीटल डॉक्टर के पास भी जाना पड़ सकता है.

भले ही आपको अच्छा लग रहा हो और कोई परेशानी ना हो, तब भी अपनी सभी प्रीनेटल अपॉइंटमेंट पर जाएं ताकि आपका डॉक्टर आपकी प्रेग्नेंसी की देखरेख कर सके और किसी भी दिखने वाली समस्या का जल्द से जल्द पता लगा सके. इससे आपको कोई सवाल पूछने और अगर कोई चिंता है तो उसके बारे में भी बात करने का मौका मिलता है. प्रीनेटल अपॉइंटमेंट मज़ेदार और बहुत भरोसेमंद हो सकती हैं, उदाहरण के लिए, जब आप अपने बच्चे के दिल की धड़कन सुनती हैं. साथ ही, अपने डॉक्टर को सब कुछ बताना ज़रूरी है. अगर आप दुखी या बैचेन हैं, या अगर आप धूम्रपान, शराब, या ड्रग्स लेती हैं तो उन्हें बताएं. साथ ही, अपने हेल्थ से जुड़ी किसी भी समस्या के बारे में बताएं, जैसे डायबिटीज़ या हाई ब्लड प्रेशर.

अपने मुंह की हेल्थ में सुधार करें: ब्रश, फ्लॉस, और रेगुलर डेंटल चेकअप कराएं. हाई प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजेन लेवल की वजह से प्लाक में बैक्टीरिया होने से मसूड़ों अलग तरह से प्रतिक्रिया करते हैं, जिसकी वजह से सूजन, ब्लीडिंग और मसूड़े कमजोर हो जाते हैं. इसलिए अगर आप पिछले छह महीने में गए थे तो चेक-अप और सफाई के लिए अपने डेंटिस्ट की सलाह लें. इसके अलावा, जब आप डेंटिस्ट के ऑफिस में अपनी अपॉइंटमेंट का समय तय करती हैं, तो उन्हें बताएं कि आप प्रेग्नेंट हैं

· अच्छी तरह से खाने पर ध्यान दें

अपने साथ बहुत सारा हेल्दी स्नैक्स रखें, और अपने खाने में साबुत अनाज, ताजे फल और सब्जियों को शामिल करें. ज़्यादा फ़ैट और ज़्यादा शुगर से अपने कैलोरी सेवन को कम करें. उदाहरण के लिए, मान लीजिए कि आप एक स्पेशल डाइट पर हैं. ऐसे में अगर आपको डायबिटीज, फ़ूड एलर्जी या फ़ूड इनटॉलरेंस है या आप फल सब्जी खाने वाले या शाकाहारी हैं, तो आपको प्रेगनेंसी के दौरान अपनी सभी न्यूट्रिशनल ज़रूरतों को पूरा करने के लिए डायटीशियन से सलाह लेने पर मदद मिल सकती है. इसके अलावा, भरपूर मात्रा में प्रोटीन लें, जो आपके शरीर की हर सेल का बिल्डिंग ब्लॉक है. आपको प्रेग्नेंट होने से पहले रोज 45 ग्राम के मुक़ाबले लगभग 70 ग्राम प्रोटीन चाहिए होता है. आपको इनकी भी ज़रूरत होती है:

· फ़ोलिक एसिड न्यूरल ट्यूब में कमी से बचने में मदद करता है.

Article continues below advertisment

· आयरन लाल ब्लड सेल को आपके बच्चे को ऑक्सीजन पहुंचाने में मदद करता है. यह एनीमिया से बचाने में भी मदद करता है.

· कैल्शियम से दांत और हड्डियां मजबूत होती हैं और एक हेल्दी हार्ट, नसें और मांसपेशियों बनाता है.

· आयोडीन ब्रेन, स्केलेटन और नर्वस सिस्टम के विकास में मदद करता है.

· कोलीन दिमाग और रीढ़ की हड्डी के विकास में मदद करता है.

· विटामिन ए बच्चे की आंखों की रोशनी, ऑर्गन और हड्डियों के विकास में मदद करता है.

Article continues below advertisment

· विटामिन सी मजबूत हड्डियों और मांसपेशियों के विकास में मदद करता है. यह आपको ज़्यादा आयरन पाने में भी सक्षम बनाता है.

· आपके बच्चे की हड्डियों और दांतों के बढ़ने के लिए विटामिन डी.

· विटामिन बी 6 से आपके बच्चे का दिमाग और नर्वस सिस्टम बढ़ता है.

· विटामिन बी 12 हेल्दी लाल ब्लड सेल बनाता है और दिमाग और रीढ़ की हड्डी का सही विकास करता है.

· डीएचए आपके बच्चे के दिमाग और आंखों को बेहतर बनाने वाला एक ओमेगा -3 फ़ैटी एसिड है.

Article continues below advertisment

जबकि आप हेल्दी डाइट से अपनी कई न्यूट्रिएंट ज़रूरतों को पूरा कर सकती हैं, फिर भी आपको और आपके बच्चे को जो कुछ भी चाहिए उसे पाने के लिए आपको सप्लीमेंट की ज़रूरत पड़ सकती है. आपका प्रीनेटल विटामिन किसी भी कमी को पूरा कर सकता है, या आपको और चीजों की ज़रूरत पड़ सकती है. अगर आपको कोई भी गाइडेंस चाहिए तो डॉक्टर या डायटीशियन से सलाह लें. हमेशा हाइड्रेट रहें. प्रेग्नेंसी के दौरान आपको ज़्यादा पानी की ज़रूरत हो सकती है, और पर्याप्त पानी पीने से आपके शरीर और आपकी प्रेग्नेंसी को संभालने में मदद मिलेगी. यह कब्ज, बवासीर और पेशाब के रास्ते के संक्रमण को भी कम करेगा. पूरे दिन थोड़ा-थोड़ा पानी पीते रहें, हर दिन लगभग दस कप पीने की कोशिश करें. पानी के अलावा दूसरी तरल चीज़ें भी, चीनी और खाली कैलोरी और कैफ़ीन सेवन की ज़्यादा मात्रा को सीमित करते हैं.

· प्रीनेटल विटामिन लें

प्रेग्नेंसी के दौरान आपकी न्यूट्रिएंट ज़रूरतें बढ़ जाती हैं. आखिरकार, आप एक बच्चा पैदा कर रहे हैं. भले ही आप एक हेल्दी, संतुलित डाइट लें, प्रेग्नेंसी के दौरान सभी ज़रूरी न्यूट्रिएंट ले पाना चुनौती भरा हो सकता है. अगर आपकी कोई आहार सीमा, स्वास्थ्य समस्याएं या प्रेग्नेंसी की परेशानियां हैं तो यह और भी चुनौती भरा हो सकता है. प्रीनेटल विटामिन लेने से आपको रोज के सभी ज़रूरी विटामिन और मिनरल मिलेंगे. आमतौर पर, प्रीनेटल विटामिन स्टैंडर्ड मल्टीविटामिन के जैसे नहीं होते हैं. उन्हें खासतौर पर प्रेग्नेंसी की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए बनाया जाता है. उदाहरण के लिए, ज़्यादातर में एक स्टैंडर्ड मल्टीविटामिन के मुक़ाबले ज़्यादा फ़ोलिक एसिड और आयरन होता है.

आइडियली, प्रेग्नेंट होने से पहले ही, आप अपना प्रीनेटल विटामिन लेना शुरू कर देंगी. कंसीव करने से पहले और प्रेग्नेंसी के दौरान पर्याप्त फ़ोलिक एसिड लेना आपके बच्चे की न्यूरल ट्यूब में कमी और जन्म की दूसरी कमियों के खतरे को कम कर सकता है. और आपका शरीर खाने से मिलने वाले फ़ोलिक एसिड के मुक़ाबले सिंथेटिक फ़ोलिक एसिड को बेहतर तरीके से लेता है. जबकि आपका प्रीनेटल विटामिन आपको ज़रूरी आयरन भी देता है, आपको आयरन गोली के सप्लिमेंट की ज़रूरत पड़ सकती है. प्रेग्नेंसी के दौरान, खासकर दूसरी और तीसरी तिमाही में आपकी आयरन की ज़रूरत काफ़ी बढ़ जाती है. हालांकि, अगर आपके प्रीनेटल में आयरन आपको कब्ज़ करता है, तो अपने खाने में ज़्यादा फ़ाइबर लेना शुरू करें और खूब पानी पिएं.

ज़्यादा विटामिन और मिनरल लेने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि कुछ चीजों को बहुत ज़्यादा लेने से नुकसान हो सकता है.

· रेगुलर एक्सरसाइज करें

एक अच्छा एक्सरसाइज प्लान आपको ताकत और मजबूती दे सकता है जिससे आपको प्रेग्नेंसी के दौरान वजन बढ़ाने, दर्द और तकलीफ़ को रोकने या कम करने, अपने पैरों में धीमे सर्कुलेशन को बढ़ाने और लेबर के फ़िजिकल स्ट्रेस को संभालने में मदद मिलती है. यह आपके बच्चे के जन्म के बाद शेप में वापस आने को और ज़्यादा आसान बना देगा. इसके अलावा, एक्सरसाइज स्ट्रेस को कम करने का एक बढ़िया तरीका है और रिसर्च से पता चलता है एक्टिव रहने से आपके मूड और कॉग्निटिव फ़ंक्शन को बढ़ावा मिल सकता है.

Article continues below advertisment

कार्डियो के लिए चलना, तैरना, एरोबिक्स, डांस और दौड़ना बहुत अच्छा है, जबकि योग और स्ट्रेचिंग आपको लचीला बनाए रखेंगे, और वेट ट्रेनिंग आपकी मांसपेशियों को बढ़ाएगी और मजबूत रखेगी. शुरुआती प्रेग्नेंसी के दौरान, अगर आपको एक्सरसाइज करने में बहुत ज़्यादा थकान या मिचली महसूस हो तो चिंता न करें. इस बीच, ताजी हवा में टहलने से आपको बेहतर महसूस हो सकता है. हालांकि, एक बार जब आप एक्सरसाइज शुरू करते हैं, तो याद रखें कि अपने आप पर बहुत दबाव ना दें या अपने आप को ओवरहीट या डीहाइड्रेट ना होने दें.

· थोड़ा आराम करें

पहली और तीसरी तिमाही में आपको जो थकान होती है, वह आपके शरीर को धीमा करने की चेतावनी देने का तरीका है. इसलिए अपने शरीर की सुनें और जितना जल्दी हो सके इसे आराम दें. अगर आप दिन में नहीं सो सकते तो कम से कम अपने पैर ऊपर करके आराम करें. अपने आप को एक ब्रेक दें और अपने दूसरे कामों को थोड़ा कम करें. अपने दोस्तों और परिवार के सदस्यों से अपने बोझ को हल्का करने में मदद के लिए कहें, चाहे वह कपड़े धोने का काम हो या एक घंटे के लिए बच्चा संभालना हो. अगर आप पैसा खर्च कर सकते हैं तो साफ-सफाई, काम और बच्चे की देखभाल के लिए तो किराए पर मदद लें. सिर्फ़ इसलिए कि आप प्रेग्नेंट हैं, काम, घर और दूसरे बच्चों की मांग अचानक से नहीं रुकती. मुश्किल होने पर भी मदद मांगना जरूरी है.

योग, स्ट्रेचिंग, गहरी सांस लेने और मालिश जैसी रिलैक्सेशन तकनीकें स्ट्रेस से लड़ने और रात को अच्छी नींद लेने के बेहतरीन तरीके हैं. इसके अलावा, प्रेग्नेंसी के दौरान सोने की सबसे अच्छी पोजीशन आपकी साइड वाली होती है क्योंकि यह आपके और आपके बच्चे के लिए सबसे अच्छा ब्लड सर्कुलेशन करती है. जबकि ऐसे सोना भी बहुत आरामदायक है, अगर आप अपनी पीठ या पेट के बल सोने की आदी हैं तो प्रेग्नेंसी की शुरुआत में अपनी करवट बदलने की कोशिश करें. तकिए को अपने पेट के नीचे, अपने पैरों के बीच या अपनी पीठ के पीछे रखने की कोशिश करें.

· शराब, ड्रग्स और धूम्रपान से बचें.

प्रेग्नेंसी के दौरान क्या ना करें? यह सबसे आम सवाल है. यहां कुछ जवाब हैं. प्रेग्नेंट होने पर शराब न पिएं. आपके द्वारा ली जाने वाली कोई भी शराब ब्लडस्ट्रीम के जरिए तेजी से आपके बच्चे तक पहुंचती है, प्लेसेंटा के ऊपर से गुजरती है, और आपके ब्लड में शराब का लेवल बहुत ज़्यादा बढ़ने से आपका बच्चा मर सकता है. शराब पीने का बिल्कुल ठीक समय नहीं है क्योंकि आपका बच्चा प्रेग्नेंसी के दौरान बढ़ता है और सभी तरह की शराब एक जैसा नुकसान करती है. अगर आप प्रेग्नेंसी के दौरान शराब पीते हैं तो मिसकैरेज और स्टिलबर्थ की उम्मीद बढ़ जाती है. प्रेग्नेंसी के दौरान शराब पीने वाली मां से पैदा होने वाले बच्चों को कई तरह की डिसेबिलिटी का खतरा रहता है, जिन्हें फ़ीटल अल्कोहल स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर कहते हैं.

आपके द्वारा ली जाने वाली कोई भी दवाई आपके बच्चे के ब्लडस्ट्रीम में भी जाती है, और बच्चे पर बड़ो के मुक़ाबले केमिकल और टॉक्सिन का बहुत जल्दी असर पड़ता है. कुछ रिसर्च बताते हैं कि मारिजुआना एक बच्चे के विकास को रोक सकता है और प्रीटर्म बर्थ और प्लेसेंटल एबरप्शन के खतरे को बढ़ा सकता है. इसके अलावा, प्रेग्नेंसी के दौरान कोकीन या ओपिओइड जैसी दवाइयां लेना बेहद खतरनाक है.

Article continues below advertisment

धूम्रपान आपके बच्चे से उस ऑक्सीजन को छीन लेता है जिसे उन्हें विकसित करने की ज़रूरत होती है. यह मिसकैरेज, स्टीलबर्थ, पैदाइशी डिसेबिलिटी, प्रीटर्म बर्थ, जन्म के समय कम वजन और एसआईडीएस की संभावना को बढ़ाता है. अगर आप ड्रग्स, शराब या धूम्रपान छोड़ने की कोशिश कर रहे हैं तो अपने केयरटेकर से मदद के लिए कहें. वे आपको प्रॉडक्ट छोड़ने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए रेफ़रल और प्रॉडक्ट पर सलाह दे सकते हैं.

· कैफ़ीन लेना कम करें

रिसर्च औरतों को अपने कैफ़ीन की खपत को रोज 200 मिलीग्राम से कम रखने की सलाह देता है. कैफ़ीन प्लेसेंटा से गुजरता है और आपके बच्चे के ब्लडस्ट्रीम में जाता है. रिसर्च जारी है, लेकिन ज़्यादातर एक्सपर्ट का मानना है कि कम कैफ़ीन के सेवन से जन्म के समय कम वजन, मिसकैरेज या समय से पहले जन्म जैसी समस्याएं नहीं होती हैं. इसके अलावा, कैफ़ीन की कोई न्यूट्रिशनल वैल्यू नहीं है और यह आपके शरीर के लिए आयरन को ले पाना मुश्किल बनाता है, जो प्रेग्नेंट औरतों में कम मात्रा में होता है. यह आपके हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर को बढ़ा सकता है और आपके लिए रात की अच्छी नींद लेना और भी मुश्किल बना सकता है क्योंकि यह एक स्टिमुलेंट भी है.

अपनी कॉफ़ी को एक कप तक सीमित करें, या डिकैफ़िनेटेड कॉफ़ी लेने के बारे में सोचें. हमेशा दूसरे प्रॉडक्ट जैसे चाय, सॉफ्ट ड्रिंक, एनर्जी ड्रिंक, चॉकलेट और कॉफ़ी आइसक्रीम, और बिना नुस्खे की दवाइयों जैसे सिरदर्द, सर्दी और एलर्जी की दवाइयों का कैफ़ीन कंटेन्ट चेक करें.

· वैक्सीन लगवाएं

प्रेग्नेंट औरतों के लिए ऐसी वैक्सीन हैं जो सुरक्षित होने के साथ-साथ जिन्हें लेने की सलाह भी दी जाती है.

· प्रेग्नेंट होने पर फ़्लू वैक्सीन आपके अस्पताल में भर्ती होने के खतरे को कम कर सकता है. आप अपने बच्चे को भी एंटीबॉडी देंगे जो उनके जन्म के बाद कई महीनों तक उनका बचाव करेंगे. आप अपनी प्रेग्नेंसी के दौरान कभी भी फ़्लू शॉट ले सकती हैं. हालांकि, एक लाइव कमजोर वायरस के लिए इनएक्टिव इन्फ्लूएंजा वैक्सीन लें, ना कि नाक वाले स्प्रे से.

Article continues below advertisment

· टेटनस-डिप्थीरिया की वैक्सीन आपको और आपके हालिया जन्मे बच्चो को टेटनस, डिप्थीरिया और काली खांसी से बचाएगी. आपको हर प्रेग्नेंसी के दौरान, अपनी तीसरी तिमाही में एक डोज़ लेनी होगी.

· कोविड-19 वैक्सीन आपको कोविड वायरस से बचाने में मदद करेगी. यह आपके नवजात बच्चे को भी बचाएगी, क्योंकि आपके प्लेसेंटा के ज़रिए बच्चे तक एंटीबॉडी पहुंचेगा.

· काम में मदद मांगें.

कुछ औरतें अपने कलीग और एंप्लॉयर को अपनी प्रेग्नेंसी के बारे में बताने के लिए पहली तिमाही पूरी होने का इंतज़ार करती हैं. फिर भी यदि आप मॉर्निंग सिकनेस से पीड़ित हैं, प्रीनेटल अपॉइंटमेंट के लिए समय निकालने की ज़रूरत है, या अपने काम या काम के बोझ से परेशान हैं, तो आपको जल्द ही अपने बॉस और कोवर्कर को बताना चाहिए. प्रेग्नेंट होने पर काम करने के बारे में आप कुछ बातें सोच सकती हैं:

· आपको अपने काम में बदलाव करना पड़ सकता है. उदाहरण के लिए, अगर आप शारीरिक काम कर रही हैं, जिसमें घंटों तक अपने पैरों पर खड़े रहना या भारी वजन उठाना शामिल है. आपको बदलाव या सुधार के लिए अपने सुपरवाइजर से बात करनी चाहिए.

· अगर आपके पास पर्याप्त छुट्टी हैं, तो आराम करने के लिए कभी-कभार छुट्टी लेने की सोचें.

Article continues below advertisment

· अपनी तय तारीख से एक या दो हफ़्ते पहले मैटरनिटी लीव लेने की सोचें, ताकि आप आराम कर सकें और अपने बच्चे के आने की तैयारी कर सकें.

· खतरनाक मटेरियल को पहचानें और उनसे बचें. अगर आप रोज केमिकल, सीसा या पारा जैसे भारी मेटल, ख़ास बायोलॉजिकल एजेंट, या रेडिएशन के संपर्क में हैं, तो आपको बदलाव करने की ज़रूरत होगी, क्योंकि ये वस्तु आपके और आपके बढ़ते हुए बच्चे के लिए खतरनाक हो सकते हैं. साथ ही, याद रखें कि कुछ क्लीनिंग प्रॉडक्ट, पेस्टिसाइड, सॉल्वेंट और पुराने पाइपों से पीने के पानी में सीसा भी टॉक्सिक हो सकता है.

· इसके अलावा, अगर आपको प्रेग्नेंसी की परेशानियां हैं, तो आपको काम बंद करना या अपने काम के घंटे कम करना पड़ सकता है.

· सुरक्षित रहें

एक्टिव रहना और मज़े करना ज़रूरी है. हालांकि, प्रेग्नेंसी के दौरान कुछ ख़ास एक्टिविटी हैं जिनसे बचना चाहिए. इनमें ऐसी एक्सरसाइज हैं जो आपके गिरने या अचानक रुक-रुक कर चलने से यूट्रस को होने वाले नुकसान के खतरे को बढ़ाती है. उदाहरण के लिए, रोलर कोस्टर, बम्पर कार, वॉटर स्लाइड, गाड़ी या मोटरसाइकिल की सवारी न करें. इसके अलावा, फुटबॉल और बास्केटबॉल जैसे कॉन्टेक्ट स्पोर्ट्स को छोड़ दें, जिसमें टकराव हो सकता है या गिर सकते हैं.

प्रेग्नेंट होने पर हमेशा सीट बेल्ट ज़रूर पहनें. एक लैप बेल्ट और एक शोल्डर स्ट्रेप का इस्तेमाल करें और लैप को अपने पेट के नीचे सुरक्षित करें, न कि पेट पर. शोल्डर स्ट्रेप आपकी ब्रेस्ट के बीच और आपके पेट की तरफ तक फिट होना चाहिए. याद रखें, इसे अपनी पीठ के पीछे या अपनी बांह के नीचे न रखें.

Article continues below advertisment

· अपनी इमोशनल हेल्थ का ध्यान रखें.

प्रेग्नेंसी के दौरान ज़्यादातर औरतों को लगता है कि वे एक इमोशनल रोलर कोस्टर पर हैं कभी इधर तो कभी उधर. यह सब हार्मोनल बदलाव की वजह से होता है, मिजाज बदलना आम हैं. कभी-कभी आप मां बनने का सोचकर बैचेनी, थकान या चिंतित महसूस कर सकती हैं. दूसरे पल आप खुशी और जोश महसूस कर रही होंगी. अपने दोस्तों से बात करें और अपने पति को अपनी फीलिंग्स बताएं. भरपूर नींद लेकर, अच्छा खाना खाकर और एक्सरसाइज करके अपना ख्याल रखें. आपके लिए जर्नल रखना और मेडिटेशन या प्रीनेटल योग करना फायदेमंद हो सकता है. हालांकि, अगर आपका मिजाज बहुत ज़्यादा बदल रहा है या आपकी रोज की ज़िंदगी में दखल हो रही है, तो आप प्रेग्नेंसी के डिप्रेशन या एंग्जायटी डिसऑर्डर से पीड़ित हो सकती हैं.

अगर आप दो हफ़्ते से ज़्यादा समय से उदास हैं और कुछ भी आपका उत्साह नहीं बढ़ा रहा है और अगर आप खासतौर से चिंतित हैं, तो इसे अपने केयरटेकर को बताएं. प्रेग्नेंसी के दौरान थेरेपी और दवाएं मेंटल हेल्थ हालातों का इलाज करने में मदद कर सकती हैं. इसके अलावा, अगर आप अब्यूसिव रिलेशनशिप में हैं तो अपने केयरटेकर को बताएं. प्रेग्नेंसी की वजह से किसी भी रिश्ते में स्ट्रेस हो सकता है, और यह घरेलू हिंसा की एक आम वजह है, जो आपको और आपके बच्चे की हेल्थ को खतरे में डालता है.

निष्कर्ष

प्रेग्नेंसी के दौरान क्या करें और क्या न करें की लिस्ट डराने वाली लग सकती है. लेकिन इससे डरना नहीं है. ऊपर बताए गए ज़्यादातर टिप्स मददगार हो सकते हैं. साथ ही, अपना ख्याल रखें, कोई भी समस्या होने पर डॉक्टर से सलाह लें और परिवार और दोस्तों की मदद लें. आपके जानने से पहले, आपका नवजात बच्चा आपके पास होगा. जब आप अपने नन्हे-मुन्नों को गोद में लें और गले लगाएं तो टिप्स को फॉलो करने के लिए खुद को धन्यवाद देना न भूलें. इसका तभी फ़ायदा है जब आपका बच्चा खुश और स्वस्थ हो.

Is this helpful?

thumbs_upYes

thumb_downNo

Written by

Khushboo Goel

Get baby's diet chart, and growth tips

Download Mylo today!
Download Mylo App

RECENTLY PUBLISHED ARTICLES

our most recent articles

foot top wavefoot down wave

AWARDS AND RECOGNITION

Awards

Mylo wins Forbes D2C Disruptor award

Awards

Mylo wins The Economic Times Promising Brands 2022

AS SEEN IN

Mylo Logo

Start Exploring

wavewave
About Us
Mylo_logo

At Mylo, we help young parents raise happy and healthy families with our innovative new-age solutions:

  • Mylo Care: Effective and science-backed personal care and wellness solutions for a joyful you.
  • Mylo Baby: Science-backed, gentle and effective personal care & hygiene range for your little one.
  • Mylo Community: Trusted and empathetic community of 10mn+ parents and experts.