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    Pregnancy Se Bachne Ke Upay | सिर्फ़ कॉन्डम और बर्थ कंट्रोल पिल्स ही नहीं, ये उपाय भी करते हैं अनचाही प्रेग्नेंसी को रोकने में मदद!

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    Pregnancy Se Bachne Ke Upay | सिर्फ़ कॉन्डम और बर्थ कंट्रोल पिल्स ही नहीं, ये उपाय भी करते हैं अनचाही प्रेग्नेंसी को रोकने में मदद!

    17 October 2023 को अपडेट किया गया

    जब दिल्ली की रहने वाली 25 साल की प्रीति ने प्रेग्नेंसी टेस्ट स्ट्रिप पर दो पिंक लाइन देखी तो वह हैरान हो गई. प्रीति ने यह बात अपने पति ध्रुव को बताई. प्रीति के साथ ध्रुव भी इस बात को लेकर परेशान हो गया. दरअसल, प्रीति और ध्रुव दोनों ही इस समय बेबी के लिए तैयार नहीं थे. ध्रुव और प्रीति की तरह ऐसे कई कपल्स होते हैं, जो प्रेग्नेंसी के लिए तैयार नहीं होते हैं. उन्हें थोड़े वक़्त की ज़रूरत होती है. अगर आप भी उन्हीं कपल्स में से एक हैं, जो अभी बेबी की ज़िम्मेदारी नहीं लेना चाहते हैं और नेचुरल तरीके़ से प्रेग्नेंसी को रोकना चाहते हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए है. माइलो के इस आर्टिकल के ज़रिये जानें उन नेचुरल उपायों के बारे में जो अनचाही प्रेग्नेंसी को रोकने में मदद करते हैं.

    प्रेग्नेंसी को नेचुरल तरीक़े से रोकने के उपाय (How to avoid pregnancy naturally in Hindi)

    जब बात प्रेग्नेंसी से बचने की आती है (Unwanted pregnancy meaning in Hindi), तो कपल्स के मन में सबसे पहले कॉन्डम का नाम आता है. कुछ कपल्स को ऐसा लगता कि वह सिर्फ़ कॉन्डम की मदद से प्रेग्नेंसी को रोक सकते हैं. जबकि ऐसा नहीं है. कॉन्डम के अलावा भी कई ऐसे तरीक़े होते हैं, जिनकी मदद से आप अनचाही प्रेग्नेंसी से बच सकते हैं. यहाँ हम आपको मुख्य उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं;

    1. रिदम मेथड (Rhythm method)

    रिदम मेथड को कैलेंडर मेथड के नाम से भी जाना जाता है. इस नेचुरल तरीक़े में एक महिला को अपने मासिक धर्म चक्र (Menstruation cycle) का ध्यान रखना होता है. पीरियड्स के दिनों से लेकर आपको अपनी लेंथ तक ध्यान देना होता है. इस मेथड की मदद से आप अपने फर्टाइल दिनों के बारे में जान सकते हैं. फर्टाइल दिनों में संबंध न बनाकर आप प्रेग्नेंसी को रोक सकते हैं. ध्यान रखें यह मेथड उन्हीं महिलाओं के लिए फ़ायदेमंद होती हैं, जिनके पीरियड्स नियमित होते हैं. अनियमित पीरियड्स होने की स्थिति में यह मेथड ठीक से काम नहीं करती है.

    2. सर्वाइकल म्यूकस मेथड (Cervical mucus method)

    इस मेथड में महिला पार्टनर को अपने सर्वाइकल म्यूकस को मॉनिटर करना होता है. सर्वाइकल म्यूकस की मदद से फर्टाइल और नॉन- फर्टाइल दिनों के बारे में जाना जा सकता है. सर्वाइकल म्यूकस में बदलाव नज़र आने पर आपको अनप्रोटेक्टेड सेक्स (Unprotected sex) से बचना चाहिए.

    3. बेसल बॉडी टेम्परेचर (Basal body temperature method)

    अनचाही प्रेग्नेंसी से बचने के लिए आप बेसल बॉडी टेम्परेचर मेथड पर भी ग़ौर कर सकती हैं. आप डेली सुबह अपनी बॉडी के टेम्परेचर को चेक करें. टेम्परेचर में बदलाव महसूस होने पर संबंध बनाने से बचें. दरअसल, फर्टाइल दिनों में बॉडी का तापमान अन्य दिनों की तुलना में थोड़ा अधिक होता है.

    4. सिम्टोथर्मल मेथड (Symptothermal method)

    इस मेथड में आपको बेसल बॉडी टेम्परेचर के साथ-साथ अन्य लक्षणों पर भी ग़ौर करना होता है; जैसे कि- सर्वाइकल म्यूकस में बदलाव और शारीरिक बदलाव.

    5. विद्ड्रॉल मेथड (Withdrawal Method)

    इस मेथड को पुलिंग आउट मेथड के नाम से भी जाना जाता है. यह मेथड भी अनचाही प्रेग्नेंसी से रोकने में मदद करती है. इस मेथड में पुरुष पार्टनर इजेकुलेशन के समय पेनिस को वेजाइना से बाहर निकाल लेता है और जिससे स्पर्म डिस्चार्ज बाहर की ओर हो जाता है.

    6. ओव्यूलेशन टेस्ट किट (Ovulation test kit)

    अनचाही प्रेग्नेंसी को रोकने के लिए आप ओव्यूलेशन टेस्ट किट की मदद भी ले सकते हैं. ओव्यूलेशन टेस्ट किट ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन (एलएच) का स्तर पता लगाने में मदद करती है. बता दें कि ओव्यूलेशन के दिनों में शरीर में इस हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है.

    7. स्टैंडर्ड डे मेथड (Standard days method)

    जिन महिलाओं के पीरियड्स नियमित यानी कि 26 से 32 दिन के बीच होते हैं, वे इस मेथड को चुन सकते हैं. इस मेथड के दौरान आपको उन दिनों के बारे में पता चलता है, जब अनप्रोटेक्टेड सेक्स करने से प्रेग्नेंसी की संभावनाएँ बढ़ जाती हैं.

    8. लैक्टेशन एमेनोरिया मेथड (Lactation Amenorrhea Method)

    लैक्टेशन एमेनोरिया मेथड (एलएएम) उन स्तनपान (ब्रेस्टफ़ीडिंग) कराने वाली माताओं के लिए उपयुक्त है जिनका मासिक धर्म अभी तक फिर से शुरू नहीं हुआ है. दरअसल, एक्सक्लूसिव ब्रेस्टफ़ीडिंग के दौरान बॉडी ऐसे हार्मोन्स को रिलीज़ करती जो ओव्यूलेशन की प्रोसेस को दबा देते हैं. हालाँकि, यह मेथड डिलीवरी के मात्र 6 महीने तक ही काम करती है.

    नेचुरल मेथड से प्रेग्नेंसी रोकने के फ़ायदे (Benefits of natural methods to avoid pregnancy in Hindi)

    प्रेग्नेंसी को रोकने के लिए नेचुरल मेथड का उपयोग करने पर इस तरह के फ़ायदे होते हैं;

    1. कोई साइड इफेक्ट्स न होना (No side effects)

    हार्मोनल गर्भनिरोधक और इनवेसिव प्रोसीजर की तुलना में प्रेग्नेंसी को रोकने वाले नेचुरल उपायों के कोई साइड इफेक्ट्स नहीं होते हैं.

    2. किफ़ायती (Cost-effective)

    नेचुरल फैमिली प्लानिंग मेथड में आपको कोई खर्चा करने की ज़रूरत नहीं होती है और अगर खर्च होता भी है, तो वह बहुत कम होता है.

    3. फर्टिलिटी से संबंधित जागरूकता बढ़ना (Promotes awareness of fertility and health)

    बेसल बॉडी टेम्परेचर, सर्वाइकल म्यूकस और मासिक धर्म को ट्रैक करने जैसे फर्टिलिटी संकेतों की मदद से कपल्स अपनी रिप्रोडक्टिव हेल्थ को बेहतर तरीक़े से समझ पाते हैं. इसकी मदद से कपल्स हार्मोन्स असंतुलन और फर्टिलिटी से संबंधित अन्य समस्याओं को समय रहते पहचान पाते हैं.

    4. प्रेग्नेंट होने और न होने में मदद करें (Can be used to achieve or avoid pregnancy)

    नेचुरल उपायों की मदद से आप अपनी बॉडी को अच्छी तरह से समझ पाते हैं, जिसकी मदद से आपको दोनों ही केसेस में मदद मिलती है; जैसे- अगर आप फैमिली प्लानिंग के बारे में सोच रहे हैं, तो फर्टाइल दिनों में सेक्स करें. वहीं, अगर आप अनचाही प्रेग्नेंसी से बचना चाहते हैं, तो फर्टाइल दिनों में अनप्रोटेक्टेड सेक्स न करें.

    प्रो टिप (Pro Tip)

    नेचुरल उपाय प्रेग्नेंसी से बचने की 100% गारंटी नहीं देते हैं. नेचुरल उपायों केवल उसी स्थिति में आपकी मदद कर सकते हैं, जब आपको अपने पीरियड्स और ओव्यूलेशन चक्र की अच्छी तरह से समझ होती है.

    रेफरेंस

    1. Sung S, Abramovitz A. (2023). Natural Family Planning.

    2. Jain R, Muralidhar S. (2011). Contraceptive methods: needs, options and utilization. J Obstet Gynaecol India. 2

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    Written by

    Jyoti Prajapati

    Jyoti is a Hindi Content Writer who knows how to grip the audience with her compelling words. With an experience of more

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