Pregnancy Journey
23 September 2024 को अपडेट किया गया
चिकन एक स्वादिष्ट खाना है, जिसमें बहुत सारा प्रोटीन होता है। महिला की प्रेग्नेंसी के दौरान उनके शरीर को बहुत सारे प्रोटीन की जरूरत होती है क्योंकि वो अपने साथ अपने बढ़ते हुए बच्चे के लिए भी खाना खा रही होती हैं। जानना चाहती हैं कि प्रेग्नेंसी में चिकन अच्छा होता है या नहीं? आमतौर पर प्रेग्नेंसी में ज्यादातर पॉल्ट्री आइटम खाना अच्छा रहता है जैसे चिकन। हालांकि चिकन को धोकर साफ़ किया हुआ होने के साथ अच्छे से पका हुआ भी होना चाहिए। इसके साथ इसे गरमागर्म ही सर्व भी करना चाहिए। अगर महिला प्रेग्नेंसी में चिकन खा रही हैं तो प्रेग्नेंसी में चिकन के बारे में और जानते हैं जैसे प्रेग्नेंसी में चिकन के फायदे और साइड इफेक्ट।
इसमें कोई शक ही नहीं है कि प्रेग्नेंसी में चिकन अच्छा होता है। चिकन में बहुत से पोषक तत्व होते हैं, खासतौर पर प्रोटीन, जो कि गर्भवती मां के लिए अच्छा होता है। लीन चिकन की एक सर्विंग (100 ग्राम) में प्रोटीन की करीब 3.5 सर्विंग रोजाना मिल जाती हैं। हालांकि, दिक्कत ये है कि चिकन कई बार गर्म नहीं परोसा जाता है या फिर ये अच्छे से पका नहीं होता है। इससे प्रेग्नेंसी के दौरान चिकन का सेवन करना एक समस्या बन जाता है क्योंकि अधपके या कच्चे चिकन में हानिकारक बैक्टीरिया का खतरा बना रहता है।
कच्चे और अधपके पॉल्ट्री का खाना खाने से जुड़ा खतरा ये है कि ये साल्मोनेला का वाहक बन सकता है। इसकी वजह से गर्भवती महिलाओं को ब्लोटिंग, उल्टी, मतली, ऐंठन, बुखार और सिरदर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं। कुछ मामलों में साल्मोनेला के चलते गर्भपात भी हो सकता है।
इसलिए चिकन को 71 डिग्री पर पकाना जरूरी हो जाता है, खासतौर पर चिकन का मोटा हिस्सा। ऐसा करने से चिकन को किसी भी तरह के बैक्टीरिया से दूरी बनाने में मदद मिलेगी। जिसके चलते ये गर्भवती महिलाओं के सेवन के लिए ठीक रहेगा।
उस चिकन का क्या जिसे रात भर फ्रिज में रखा गया हो? पकने के बाद चिकन फ्रिज में रखा जा सकता है लेकिन 24 घंटे से ज्यादा नहीं। गर्भवती महिला होने के नाते अच्छे से पका होने के बावजूद आपको खाने से पहले चिकन को दोबारा अच्छे से गरम कर लेना चाहिए। इससे किसी भी तरह के बैक्टीरिया होने पर उन्हें मारने में मदद मिलेगी और इसके बाद प्रेग्नेंसी में चिकन खाना सुरक्षित हो जाएगा।
हैरान हैं कि आप प्रेग्नेंसी के दौरान दुकान से लाया प्रोसेस्ड मीट खा सकती हैं या नहीं? प्रोसेस्ड चिकन मीट में दुकान से लाए स्लाइस या कट भी शामिल हैं। बुरी खबर ये भी है कि ये भी हानिकारक बैक्टीरिया जैसे लिस्टिरिया या साल्मोनेला से संक्रमित हो सकते हैं। अच्छा ये होगा कि ऐसे स्लाइस और कट से बचा जाए क्योंकि आप निश्चित नहीं हो सकते हैं कि ये चिकन कहां से लाया गया है। इसकी वजह से प्रेग्नेंसी के दौरान आपकी बॉडी को परेशानी हो सकती है। अगर आप प्रोसेस्ड चिकन मीट खाने से नहीं बच सकती हैं तो ये सुनिश्चित करें कि चिकन अच्छे से पका हुआ हो और इसे गरमागरम ही खाया जाए।
चिकन खाना किसी के लिए फायदेमंद हो सकता है तो ये किसी-किसी मामले में हानिकरक भी हो सकता है। प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर को खास देखभाल की जरूरत होती है। इसलिए कच्चा और अधपका चिकन खाने से बचना चाहिए। कच्चे और अधपके चिकन में साल्मोनेला या लिस्टिरिया होने का खतरा बना रहता है। इसको खाने से शरीर में फ़ूड पॉइजनिंग हो सकती है।
अधपका और कच्चा चिकन खाने के अन्य खतरों में साइड इफेक्ट शामिल हैं जैसे उल्टी, मितली, पेट या एबडॉमिनल एरिया में ऐंठन, बुखार, डायरिया और सिरदर्द। कुछ खास मामलों में अधपका चिकन जिसमें बैक्टीरिया हो गर्भवती महिलाओं में गर्भपात की वजह बन सकता है।
प्रेग्नेंसी के दौरान चिकन खाने की सलाह दी जाती है क्योंकि ये लीन प्रोटीन है और इसमें बहुत से पोषक तत्व, मिनरल और विटामिन होते हैं। प्रेग्नेंसी में लीन चिकन खाने के कई फायदे होते हैं, खासतौर पर तब जब इसे अच्छे से पकाया गया हो और गरमागरम सर्व किया गया हो। चिकन की मदद से बॉडी में मसल विकसित होते हैं। इसमें मौजूद विटामिन शरीर में नए सेल की ग्रोथ और विकास के लिए जरूरी हैं।
प्रोटीन का सोर्स होने के अतिरिक्त लीन चिकन में आयरन और जिंक भी होते हैं जो गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत जरूरी होते हैं। फैट भी कम होने के चलते चिकन खाने की सलाह उन लोगों को भी दी जाती है जो वजन कम करने की कोशिश कर रहे हैं या फिर प्रेग्नेंसी के दौरान वजन मेनटेन करने की कोशिश में हैं। ये बढ़ते बच्चे के पोषण और गर्भ के अंदर उसके स्वास्थ्य विकास में सहायता करता है।
लीन चिकन में कैलेस्ट्रोल कम होता है और ओमेगा-6 के साथ ओमेगा-3 फैटी एसिड इसमें पाए जाते हैं। कोलीन विटामिन का सोर्स होने के चलते चिकन बच्चों के विकासशील और शुरुआती सालों में दिमागी विकास और मेमोरी फंक्शन में सहायक होता है। इसके अतिरिक्त, चिकन में शरीर के लिए जरूरी एमिनो एसिड के साथ विटामिन ए, थायमिन और सेलेनियम भी होता है।
चिकन में मौजूद दूसरे पोषक तत्वों में शामिल है कैल्शियम, फोलेट, आयरन, विटामिन बी12, ए, सी, ई, डी, के मैग्नेशियम, प्रोटीन, नियासिन, पोटेशियम, फ़ॉसफोरस, थियामिन, जिंक, राइबोफ्लेविन, सोडियम वगैरह।
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Written by
Parul Sachdeva
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