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In this Article

  • पीरियड्स में दर्द क्यों होता है? (Periods pain in Hindi)
  • 1. प्रोस्टाग्लैंडीन (Prostaglandins)
  • 2. गर्भाशय का संकुचन (Uterine contractions)
  • 3. तनाव (Stress)
  • 4. कोई फिजिकल एक्टिविटी न करना (Less physical activity)
  • 5. उम्र (Age)
  • पीरियड्स के दर्द से राहत देने वाले उपाय (Periods pain relief home remedies in Hindi)
  • 1. अदरक और शहद (Ginger and honey)
  • 2. हल्दी का उपयोग करें (Use turmeric)
  • 3. अजवाइन (Celery seed)
  • 4. पपीता (Papaya)
  • 5. मेथी दाना (Fenugreek seeds)
  • 6. नमक और कैफ़ीन से परहेज़ करें (Avoid salty food and caffeine)
  • 7. अधिक पानी पिएँ (Drink more water)
  • 8. गर्म सिंकाई (Hot compression)
  • 9. हर्बल ड्रिंक्स (Herbal drinks)
  • 10. ऑइल से मसाज करें (Massage with essential oils)
  • 11. योगासन (Try yoga poses)
  • 12. पर्याप्त नींद लें (Sound sleep)
  • 13. गर्म पानी का उपयोग (Hot water bath)
  • 14. स्ट्रेस से दूर रहें (Avoid stress)
  • 15. पेन किलर (Pain killer medicine)
  • प्रो टिप (Pro Tip)
  • रेफरेंस
 Period Pain Relief Tips in Hindi | पीरियड्स में बहुत दर्द होता है? ये टिप्स देंगे आपको राहत का एहसास!

Periods

Period Pain Relief Tips in Hindi | पीरियड्स में बहुत दर्द होता है? ये टिप्स देंगे आपको राहत का एहसास!

12 October 2023 को अपडेट किया गया

पीरियड्स एक बायोलॉजिकल प्रोसेस है, जिससे हर महीने महिलाओं को गुज़रना पड़ता है. इस दौरान लगभग हर महिला को किसी न किसी प्रकार के डिसकंफर्ट और दर्द का सामना करना पड़ता है. इतना ही नहीं, कभी-कभी पीरियड्स के दिनों में होने वाला दर्द असहनीय भी हो जाता है. अगर आप भी हर महीने होने वाले पीरियड्स के दर्द से परेशान हो गए हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए है. माइलो के इस आर्टिकल में आज हम आपको उन उपायों के बारे में बताएँगे जो पीरियड्स के दर्द पर इफेक्टिव तरीक़े से काम करते हैं. लेकिन उससे पहले आपको बताते हैं कि आख़िर पीरियड्स के दौरान दर्द क्यों होता है (Period me dard kyu hota h).

पीरियड्स में दर्द क्यों होता है? (Periods pain in Hindi)

पीरियड्स महिलाओं के जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं. पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द को मेडिकल भाषा में डिसमेनोरिया (Dysmenorrhea meaning in Hindi) या मेंस्ट्रुअल क्रैम्प्स (Periods cramps meaning in Hindi) कहा जाता है. इस दौरान पेट के निचले हिस्से में तेज़ दर्द और क्रैम्प (Cramps meaning in Hindi) महसूस होते हैं. इसके अलावा, पीरियड्स के दौरान कमर में दर्द, पैरों में दर्द, सिरदर्द, पेट दर्द, मतली, उल्टी, दस्त, चिड़चिड़ापन, मूड स्विंग्स, ब्रेस्ट में दर्द, कमज़ोरी, बेहोशी, चक्कर, और नींद न आने जैसे लक्षण महसूस होते हैं.

पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द के मुख्य कारण कुछ इस प्रकार हैं;

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1. प्रोस्टाग्लैंडीन (Prostaglandins)

पीरियड दर्द का एक मुख्य कारण है- प्रोस्टाग्लैंडीन. प्रोस्टाग्लैंडीन हार्मोन गर्भाशय (यूटरस) की मांसपेशियों को सामान्य से अधिक दबाता है, जिसके कारण दर्द होता है. जिन महिलाओं के शरीर में प्रोस्टाग्लैंडीन का प्रोडक्शन अधिक होता है, तो उन्हें पीरियड्स के दौरान अधिक दर्द महसूस होता है.

इसे भी पढ़ें : अनियमित पीरियड्स से परेशान? ये उपाय कर सकते हैं आपकी मदद

2. गर्भाशय का संकुचन (Uterine contractions)

कुछ महिलाएँ को गर्भाशय में संकुचन महसूस होता है. इसके कारण भी गर्भाशय की मांसपेशियों पर दबाव पड़ता है और दर्द होने लगता है.

3. तनाव (Stress)

तनाव और चिंता भी पीरियड्स के दर्द को बढ़ा सकते हैं. अधिक तनाव लेने की वजह से शरीर में प्रोस्टाग्लैंडीन का प्रोडक्शन बढ़ जाता है, जो दर्द का कारण बनता है.

4. कोई फिजिकल एक्टिविटी न करना (Less physical activity)

एक्सरसाइज करने से प्रोस्टाग्लैंडीन के प्रोडक्शन में कमी आती है, जिससे दर्द कम होता है. ऐसे में जो महिलाएँ कम फिजिकल एक्टिविटी करती हैं या नहीं करती हैं, उन्हें अधिक दर्द होता है.

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इसे भी पढ़ें : पीरियड्स में कम ब्लीडिंग होती है? जानें क्या हो सकते हैं कारण!

5. उम्र (Age)

महिलाओं की उम्र भी पीरियड्स के दर्द को प्रभावित करती है. अक्सर देखा गया है कि युवा महिलाओं को ज़्यादा दर्द महसूस होता है, जबकि अधिक उम्र की महिलाओं को कम दर्द होता है.

इसे भी पढ़ें : पीरियड्स में अधिक ब्लीडिंग से परेशान? ये उपाय करेंगे आपकी मदद!

पीरियड्स के दर्द से राहत देने वाले उपाय (Periods pain relief home remedies in Hindi)

पीरियड्स के दौरान महिलाओं को पेट दर्द (Period me pet dard) और ब्रेस्ट दर्द (Period me breast pain in Hindi) होना बहुत ही आम है. ऐसे में महिलाओं को सवाल होता है कि पीरियड्स में दर्द हो तो क्या करें (Period me dard ho to kya kare) या पीरियड्स के दर्द को कैसे कम करें (Period ka dard kaise kam kare). बता दें कि पीरियड्स के दर्द को कम करने के लिए आप इन उपायों (Periods pain kam karne ke upay) को अपना सकते हैं;

1. अदरक और शहद (Ginger and honey)

पीरियड्स के दर्द (Period me pet dard ke upay) से राहत पाने के लिए आप अदरक और शहद की मदद ले सकते हैं. 1 छोटी चम्मच शहद और 1 छोटी चम्मच अदरक का रस लें और इन्हें आपस में अच्छी तरह मिला लें. इसके बाद इसे पी लें. आप ऐसा दिन में दो बार कर सकते हैं. इसके अलावा आप अदरक को पानी में मिलाकर उसे उबाल सकते हैं और उसके बाद भी उसमें शहद मिलाकर पी सकते हैं.

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2. हल्दी का उपयोग करें (Use turmeric)

हल्दी में नेचुरल एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं. हल्दी का सेवन करके आप पीरियड्स के दर्द से राहत पा सकते हैं. आप हल्दी का दूध पी सकते हैं या फिर खाने की अन्य चीज़ों में मिलाकर भी आप हल्दी का सेवन कर सकते हैं.

3. अजवाइन (Celery seed)

पानी में आधा चम्मच अजवाइन और आधा चम्मच नमक मिलाएँ और इसे उबाल लें. पानी को थोड़ा ठंडा होने दें और फिर इसे पी लें. इससे (Periods pain kam karne ke upay) आपको तुरंत राहत मिलेगी.

4. पपीता (Papaya)

पपीता फाइबर, एंजाइम और ग्लाइकोसाइड, फाइटोकेमिकल्स, विटामिन, कार्ब्स और प्रोटीन के गुणों से भरपूर होता है, जो पीरियड्स के दर्द को कम करने में मदद करते हैं.

5. मेथी दाना (Fenugreek seeds)

मेथी दाना का सेवन भी पीरियड्स के दर्द को कम कर सकता है. रात को मेथी दाना भिगोकर रख दें और सुबह इसे चबा लें.

इसे भी पढ़ें : ओलिगोमेनोरिया क्या है और पीरियड्स से क्या होता है इसका कनेक्शन?

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6. नमक और कैफ़ीन से परहेज़ करें (Avoid salty food and caffeine)

पीरियड्स के दौरान नमक और कैफ़ीन युक्त चीज़ों का सेवन कम कर दें. नमक और कैफ़ीन के कारण पेट में सूजन और दर्द हो सकता है. इस समय चाय, कॉफ़ी और कोल्ड ड्रिंक्स से दूरी बनाएँ. साथ ही, खाने में नमक का कम इस्तेमाल करें.

7. अधिक पानी पिएँ (Drink more water)

पानी पीने से आपका शरीर हाइड्रेटेड रहेगा, जिससे पीरियड्स का दर्द कम हो सकता है. दिन में कम से कम 8 से 10 गिलास पानी पिएँ.

8. गर्म सिंकाई (Hot compression)

पीरियड्स के दर्द और क्रैम्प्स (Periods cramps meaning in Hindi) को दूर करने के लिए आप हॉट वॉटर बैग की मदद भी ले सकते हैं. गर्म सिंकाई भी दर्द से राहत देती है.

9. हर्बल ड्रिंक्स (Herbal drinks)

पीरियड्स के दर्द से राहत पाने के लिए आप हर्बल ड्रिंक्स की मदद भी ले सकते हैं. इसमें नेचुरल एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी-स्पास्मोडिक कंपाउंड होते हैं, जो पीरियड्स क्रैम्प्स और दर्द को कम कर सकते हैं. आप सौंफ़, दालचीनी और अदरक जैसी चीज़ों का सेवन कर सकते हैं.

10. ऑइल से मसाज करें (Massage with essential oils)

लैवेंडर, गुलाब, लौंग, दालचीनी, और नारियल तेल जैसे ऑइल से पेट की मसाज करने पर दर्द से राहत मिलती है.

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11. योगासन (Try yoga poses)

आपको जानकर हैरानी हो सकती है लेकिन कुछ योगासन भी आपको पीरियड्स के दर्द से राहत दे सकते हैं. इन्हें करना भी बहुत आसान होता है. पीरियड्स के दौरान आप कैट-काऊ पोज़ (cat-cow pose), चाइल्ड पोज़ (child's pose), प्लैंक पोज़ (plank pose) और कोबरा (cobra pose) जैसे योगासन को ट्राई कर सकते हैं.

12. पर्याप्त नींद लें (Sound sleep)

शरीर के लिए अच्छी नींद बहुत ही ज़रूरी होती है. कम नींद से तनाव बढ़ता है, जो पीरियड्स के दर्द को और बढ़ा सकता है. इसलिए 7 से 8 घंटे की नींद ज़रूर लें.

13. गर्म पानी का उपयोग (Hot water bath)

एक्सपर्ट की मानें तो 15 मिनट तक गर्म पानी के अंदर बैठने से पीरियड्स के दर्द (Period dard me kya kare) से राहत मिलती है. आप चाहें तो गर्म पानी से नहा भी सकते हैं.

14. स्ट्रेस से दूर रहें (Avoid stress)

पीरियड्स के दौरान स्ट्रेस आपके शरीर पर बुरा असर डाल सकता है. इसलिए इस दौरान स्ट्रेस से दूर रहें. आप मेडिटेशन की मदद से स्ट्रेस को दूर कर सकते हैं.

15. पेन किलर (Pain killer medicine)

अगर आपको पीरियड्स के दौरान अधिक दर्द महसूस होता है, तो आप पेन किलर मेडिसिन भी ले सकते हैं. लेकिन ध्यान रखें अपनी बॉडी को हर महीने मेडिसिन की आदत न डालें. साथ ही, कोई भी पेन किलर मेडिसिन लेने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर सलाह लें, ताकि आपको बाद में किसी भी तरह के साइड इफेक्ट का सामना न करना पड़े.

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इसे भी पढ़ें : सी सेक्शन डिलीवरी के बाद कैसे होते हैं पीरियड्स?

प्रो टिप (Pro Tip)

पीरियड्स के दर्द को कम करने के लिए आप हेल्दी डाइट और लाइफस्टाइल फॉलो करें. जंक फूड्स और मसालेदार चीज़ों को खानें से बचें. खुश रहें और स्ट्रेस से दूरी बनाए रखें.

रेफरेंस

1. Zaman AY, Alameen AM, Alreefi MM, Kashkari ST,et al. (2022). Comparison of herbal medicines and pain relief medications in the treatment of primary dysmenorrhoea among female medical students at Taibah University. J Taibah Univ Med Sci.

2. Proctor M, Farquhar C. (2006). Diagnosis and management of dysmenorrhoea.

3. Yonglitthipagon P, Muansiangsai S, Wongkhumngern W, Donpunha W, et al. (2007). Effect of yoga on the menstrual pain, physical fitness, and quality of life of young women with primary dysmenorrhea.

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Written by

Jyoti Prajapati

Jyoti is a Hindi Content Writer who knows how to grip the audience with her compelling words. With an experience of more

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