Get MYLO APP
Install Mylo app Now and unlock new features
💰 Extra 20% OFF on 1st purchase
🥗 Get Diet Chart for your little one
📈 Track your baby’s growth
👩⚕️ Get daily tips
OR
Article Continues below advertisement
Illnesses & Infections
24 October 2023 को अपडेट किया गया
मच्छरों के काटने से होने वाली बीमारी डेंगू हमेशा से ही चर्चा में रही है. मौसम बदलने के साथ ही यह बीमारी विकराल रूप लेने लगती है. हालाँकि, सावधानी रखकर आप इस बीमारी से ख़ुद को और अपने परिवार को बचा सकते हैं. आपकी जानकारी के लिए पेश है माइलो का यह आर्टिकल, जिसमें हम आपको डेंगू के बारे में हर वह महत्वपूर्ण जानकारी देंगे, जो आपके लिए ज़रूरी है!
तो चलिए सबसे पहले आपको बताते हैं कि डेंगू क्या होता (Dengue in Hindi) है!
डेंगू एडीज नामक मच्छरों के काटने से फैलने वाली बीमारी है. यह इंफेक्शन फ्लेविविरिडे परिवार (Flaviviridae family) के एक वायरस के सेरोटाइप- डीईएनवी-1 (DENV-1), डीईएनवी-2 (DENV-2), डीईएनवी-3 (DENV-3) और डीईएनवी-4 (DENV-4) के कारण होता है. डेंगू बुखार को हड्डी तोड़ बुखार (Breakbone fever) के नाम से भी जाना जाता है. अगर समय रहते इस बीमारी का इलाज नहीं करवाया जाता है, तो यह जानलेवा भी हो सकती है.
Article continues below advertisment
बड़ों में डेंगू के लक्षण (Dengue symptoms in Hindi) कुछ इस प्रकार दिख सकते हैं;
डेंगू के सबसे पहले लक्षण (Dengue ke lakshan in Hindi) में से एक है- तेज़ बुखार होना. शरीर में डेंगू वायरस के आ जाने के बाद सबसे पहले बुखार आता है. अक्सर यह बुखार 104 डिग्री तक भी पहुँच सकता है. इस बुखार के साथ पेशेंट को सुस्ती, कमज़ोरी और थकान भी महसूस हो सकती है.
डेंगू का दूसरा आम लक्षण है- सिरदर्द. यह सिरदर्द आम सिरदर्द से अलग होता है. यह दर्द अचानक से होता है. अगर आपको भी अचानक से सिरदर्द महसूस होने लगे, तो सतर्क हो जाएँ और तुरंत इस बारे में डॉक्टर से सलाह लें.
डेंगू जोड़ों के दर्द और मांसपेशियों में दर्द का कारण भी बन सकता है. यह दर्द आमतौर पर पैरों, घुटनों और कोहनियों में होता है. यह दर्द ऐसा महसूस होता है, जैसे मानो हड्डियाँ टूट रही हो. यही कारण है कि इसे ब्रेकबोन फीवर (Breakbone fever) के नाम से भी जाना जाता है.
डेंगू बुखार (Dengue fever in Hindi) होने पर शरीर पर रेड कलर (लाल रंग) के छोटे-छोटे दाने दिख सकते हैं. आमतौर पर यह रैशेज बुखार की शुरुआत के दो से पाँच दिन बाद दिखाई देते हैं. ये रैशेज पेट, पीठ और हाथ-पैरों पर दिख सकते हैं.
Article continues below advertisment
डेंगू होने के बाद पेशेंट ख़ुद को बहुत थका हुआ महसूस करता है. इस थकान के कारण डेली के काम करना भी मुश्किल हो जाते हैं. इतना ही नहीं, पेशेंट को किसी भी काम में रुचि नहीं आती है.
डेंगू होने पर कुछ पेशेंट्स को उल्टी या मतली की समस्या हो सकती है. ऐसे में अगर आपको ऐसा कोई भी लक्षण महसूस होता है, तो आपको डॉक्टर से मिलने बिल्कुल भी देरी नहीं करना चाहिए.
कुछ गंभीर मामलों में डेंगू होने पर पेशेंट को ब्लीडिंग का सामना भी करना पड़ सकता है. यह ब्लीडिंग नाक या मसूड़ों से हो सकती है. इसके अलावा, यूरिन या पॉटी करने के दौरान भी हो सकती है.
डेंगू बच्चों को भी प्रभावित कर सकता है. डेंगू के कारण बच्चों को होने वाला बुखार आम बुखार से अलग होता है. बच्चों में डेंगू के लक्षण कुछ इस प्रकार से दिख सकते हैं;
बड़ों की तरह ही डेंगू होने पर बच्चों को बुखार होता है. यह बुखार अचानक से होता है और इसका असर जल्द ही बच्चे के शरीर पर दिखने लगता है. अगर बच्चे को 2 से 7 दिन तक बुखार बना रहता है, तो यह डेंगू का लक्षण हो सकता है. ऐसी स्थिति में आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
Article continues below advertisment
डेंगू होने पर बच्चों में अधिक चिड़चिड़ापन आ जाता है. इस दौरान बच्चे अधिक परेशान करने लगते हैं.
डेंगू होने पर बच्चों को कम भूख लगती है. अक्सर बुखार होने पर बच्चे खाना खाने में आनाकानी करते हैं.
अगर बच्चे को बार-बार उल्टी और दस्त की समस्या होती है, तो यह डेंगू का लक्षण (Dengue ke lakshan Hindi) हो सकता है.
डेंगू (Dengue symptoms Hindi) होने पर कुछ बच्चों की त्वचा पर रैशेज हो सकते हैं. इसके साथ ही बच्चों को त्वचा पर खुजली भी महसूस हो सकती है.
गंभीर मामलों में बच्चों को साँस लेने में परेशानी महसूस हो सकती है. अगर बच्चे को साँस लेने में समस्या महसूस होती है, तो ऐसी स्थिति में आपको डॉक्टर से मिलने भी बिल्कुल भी देरी नहीं करना चाहिए.
Article continues below advertisment
डेंगू होने पर आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. आपको महसूस होने वाले लक्षणों के आधार पर डॉक्टर आपको सही सलाह देंगे. यहाँ हम आपको कुछ आम बातों के बारे में बताने जा रहे है, जो डेंगू से निपटने में (Dengue fever treatment in Hindi) आपकी मदद कर सकती हैं!
मच्छरों के काटने से बचने के लिए मॉस्किटो नेट और मॉस्किटो रेपेलेंट (mosquito repellent) का इस्तेमाल करें.
डेंगू बुखार होने के दौरान शरीर में पानी की कमी हो सकती है. इसलिए इस दौरान पेशेंट को अधिक मात्रा में पानी पीना चाहिए. इसके अलावा, पेशेंट को नारियल पानी जैसे तरल चीज़ों का सेवन करना चाहिए.
डेंगू से बचने के लिए आपको अपने आसपास सफ़ाई का विशेष ध्यान देना चाहिए. अपने आसपास की जगह पर कहीं भी पानी इकट्ठा न होने दें.
डेंगू होने पर पेशेंट को आराम और भरपूर नींद लेने की सलाह दी जाती है.
Article continues below advertisment
कचरा सही तरीक़े से डिस्पोज करें. कचरे को खुला ना छोड़ें. प्लास्टिक और अन्य चीज़ों को इधर-उधर न फेंकें.
मच्छरों से बचने के लिए फुल स्लीव्स के कपड़े पहनें. छोटे बच्चों को फुल स्लीव्स कपड़ों के साथ ही सॉक्स भी पहनाएँ.
डॉक्टर की सलाह के अनुसार मेडिसिन लें. अगर डेंगू बुखार गंभीर होता है, तो पेशेंट को हॉस्पिटल में भर्ती भी होना पड़ सकता है. इसलिए ज़रूरी है कि आप शुरुआत में ही इसके लक्षणों को लेकर सावधानी बरतना शुरू कर दें.
डेंगू एक गंभीर बीमारी हो सकती है, लेकिन सही इलाज और सावधानी के साथ आप ख़ुद को और अपनों को इस बीमारी से बचा सकते हैं. डेंगू के लक्षण महसूस होने या बच्चों में दिखने पर बिल्कुल भी लापरवाही न करें और तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें.
रेफरेंस
Article continues below advertisment
1. Verhagen LM, de Groot R. (2014). Dengue in children. J Infect.
2. Rajapakse S, Rodrigo C, Rajapakse A. (2012). Treatment of dengue fever. Infect Drug Resist.
3. Schaefer TJ, Panda PK, Wolford RW. (2023). Dengue Fever.
Tags
Article continues below advertisment
Yes
No
Written by
Jyoti Prajapati
Jyoti is a Hindi Content Writer who knows how to grip the audience with her compelling words. With an experience of more
Read MoreGet baby's diet chart, and growth tips
Poppy Seeds During Pregnancy in Hindi | क्या प्रेग्नेंसी में खसखस खा सकते हैं?
(1,620 Views)
Is Turmeric Safe During Pregnancy in Hindi | प्रेग्नेंसी में हल्दी का दूध पीना कितना सुरक्षित?
(13,467 Views)
Is Jumping During Pregnancy Safe in Hindi | प्रेग्नेंसी में उछल-कूद पड़ सकती है भारी! बढ़ सकता है मिसकैरेज का खतरा
(12,065 Views)
Arogyavardhini Vati Uses in Hindi | आरोग्यवर्धिनी वटी के क्या फ़ायदे होते हैं और इसे इस्तेमाल करने का सही तरीक़ा क्या होता है?
(3,848 Views)
Best Age To Get Pregnant in Hindi | प्रेग्नेंट होने की सही उम्र क्या होती है? [Part 2]
(1,875 Views)
Best Age To Get Pregnant in Hindi | प्रेग्नेंट होने की सही उम्र क्या होती है? [Part 1]
(5,737 Views)
Mylo wins Forbes D2C Disruptor award
Mylo wins The Economic Times Promising Brands 2022
At Mylo, we help young parents raise happy and healthy families with our innovative new-age solutions:
baby carrier | baby soap | baby wipes | stretch marks cream | baby cream | baby shampoo | baby massage oil | baby hair oil | stretch marks oil | baby body wash | baby powder | baby lotion | diaper rash cream | newborn diapers | teether | baby kajal | baby diapers | cloth diapers |