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Pregnancy
25 July 2023 को अपडेट किया गया
प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को अपने पोषण और डाइट का विशेष ध्यान रखना होता है. इसके लिए फलों और सब्ज़ियों से बेहतर और क्या हो सकता है? ढेरों पोषक तत्वों और मिनिरल से युक्त फल और सब्ज़ियाँ प्रेग्नेंसी के दौरान बेहद ज़रूरी होती हैं. इन्हीं में से एक फल है- 'तरबूज'. तरबूज एक ऐसा फल है, जिसका स्वाद बच्चे से लेकर बड़ों तक की जुबान पर होता है. तरबूज खाने से कई फ़ायदे होते हैं. ऐसे में यह सवाल उठना लाज़िमी है कि क्या इसे प्रेग्नेंसी के दौरान खाना सुरक्षित है? लेकिन इससे पहले कि हम आपको ये बताएँ कि प्रेग्नेंसी में आपको तरबूज खाना चाहिए या नहीं, आपको बताते हैं कि तरबूज की न्यूट्रिशन वैल्यू क्या होती है!
तरबूज में कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrate), मिनिरल (Mineral), विटामिन (Vitamin), और प्लांट कंपाउंड (Plant Compound) होता है जो गर्भवती महिलाओं को सेहतमंद बनाए रखने के लिए ज़रूरी होता है. तरबूज में 91% पानी होता है, जो गर्भवती महिलाओं को हाइड्रेटेड रहने में मदद करता है. लाइकोपेन और ल्यूटिन से भरपूर होने के कारण तरबूज एंटीऑक्सिडेंट का अच्छा स्रोत होता है. इसके साथ ही, यह विटामिन ए, सी और बी6 के गुणों से भी भरपूर होता है.
प्रेग्नेंसी में तरबूज के बहुत फ़ायदे होते हैं, ख़ासतौर पर प्रेग्नेंसी के पहले ट्राइमेस्टर में इसे खाने से आपको बहुत फ़ायदे मिल सकते हैं.
मॉर्निंग सिकनेस प्रेग्नेंसी की एक आम समस्या है. प्रेग्नेंसी के दौरान लगभग हर महिला को इसका सामना करना पड़ता है. ऐसे में सुबह उठने के कुछ समय बाद तरबूज का एक गिलास जूस पीना आपके लिए काफ़ी फ़ायदेमंद हो सकता है. सुबह तरबूज का जूस पीने से पूरे दिन शरीर में एनर्जी बनी रहती है.
प्रेग्नेंसी के दौरान तरबूज बॉडी को हाइड्रेट रखने का काम करता है, जिसके कारण गर्भवती महिलाओं को डिहाइड्रेशन, सीने में जलन (हार्टबर्न) और एसिडिटी की समस्या नहीं होती है. प्रेग्नेंसी के दौरान तरबूज का सेवन गर्भवती महिला को कब्ज़, पेट की समस्याओं और डायरिया से राहत देता है. इतना ही नहीं, यह गर्भवती महिलाओं की त्वचा हाइड्रेट रखता है, जिससे रूखी त्वचा की समस्या को दूर किया जा सकता है.
तरबूज विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन बी6, मैग्नीशियम और पोटैशियम के गुणों से भरपूर होता है. ऐसे में यह गर्भवती महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दर्द से राहत देने से लेकर मांसपेशियों को आराम देने तक का काम करता है. इतना ही नहीं, यह समय से पहले लेबर पेन होने से बचाने में भी मदद करता है.
विटामिन ए, सी और बी6 के गुणों से भरपूर होने के कारण तरबूज आँखों की रोशनी, ब्रेन, और हार्ट की हेल्थ के लिए काफ़ी अच्छा माना जाता है. एक्सपर्ट की मानें तो प्रेग्नेंसी में तरबूज का सेवन गर्भवती महिला को प्री-एक्लैमसिया (Pre-eclampsia) के खतरे से बचा सकता है.
प्रेग्नेंसी के दौरान तरबूज का सेवन माँ और गर्भ में पल रहे बेबी दोनों के लिए फ़ायदेमंद होता है. इसके नियमित सेवन से गर्भ में बेबी का बेहतर तरीक़े से विकास होता है. साथ ही, यह माँ और बेबी दोनों की इम्यूनिटी का ख़्याल रखता है.
आमतौर पर प्रेग्नेंसी के दौरान तरबूज खाना सुरक्षित होता है, हालाँकि, तरबूज में फाइबर की मात्रा कम होती है इसलिए यह शरीर में शुगर की मात्रा को बढ़ा सकता है. इसलिए अगर आपको डायबिटीज की शिकायत है, तो आपको तरबूज का कम सेवन करना चाहिए. तरबूज को खाने से पहले इसे अच्छी तरह धो लें. साथ ही, यह भी ध्यान रखें कि तरबूज खाने से पहले इसे अच्छे से ठंडा कर लें.
सवाल: क्या तरबूज शरीर के लिए ठंडा होता है? ( Is watermelon cold for the body?)
जवाब: तरबूज में शरीर को ठंडा रखने के गुण होते हैं क्योंकि इनमें पानी की मात्रा अधिक होती है. साथ ही ये आपके शरीर से टॉक्सिन्स को भी हटाता है.
सवाल: क्या तरबूज से खाँसी-जुकाम होता है? (Is watermelon a source of cold and cough?)
जवाब: तरबूज खाने से शरीर को ढेर सारा पानी और विटामिन मिलता है. तरबूज में लीकोपीन नाम के एंटीऑक्सिडेंट होते हैं जिससे बीमारियाँ दूर रहती हैं. यह शरीर को संक्रमण से भी बचाता है. इतना ही नहीं, तरबूज साँस की बीमारी होने से भी बचा जा सकता है.
सवाल : क्या तरबूज से गर्भपात होता है? (Can watermelon cause miscarriage?)
जवाब: आम तौर पर तरबूज गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित होते हैं और तरबूज खाने से गर्भपात नहीं होता है.
प्रेग्नेंसी के दौरान तरबूज का सेवन माँ और गर्भ में पल रहे बेबी दोनों के लिए फ़ायदेमंद हो सकता है. जहाँ यह माँ को मॉर्निंग सिकनेस, हार्टबर्न, एसिडिटी जैसी समस्याओं से राहत देता है; वहीं दूसरी ओर बेबी के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.
इसे भी पढ़ें- Papaya during pregnancy in Hindi| क्या प्रेग्नेंसी में पपीता खाना सुरक्षित है?
रेफरेंस
Tan PC, Ramasandran G, Sethi N, Razali N, Hamdan M, Kamarudin M. (2023). Watermelon and dietary advice compared to dietary advice alone following hospitalization for hyperemesis gravidarum: a randomized controlled trial.
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Written by
Parul Sachdeva
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