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In this Article

  • सर्वाइकल कैंसर क्या है? (Cervical Cancer in Hindi)
  • सर्वाइकल कैंसर के लक्षण (Symptoms of Cervical Cancer in Hindi)
  • सर्वाइकल कैंसर के कारण क्या हैं? (What are the causes of cervical cancer in Hindi)
  • 1. ह्यूमन पैपिलोमावायरस (HPV)
  • 2. सेक्सुअल एक्टिविटीज़ (Sexual Activity)
  • 3. धूम्रपान (Smoking)
  • 4. रोग-प्रतिरोधक क्षमता का कम होना (Reduced Immunity)
  • 5. सेक्सुअल ट्रांसमिटेड डिजीज (STD)
  • सर्वाइकल कैंसर का पता कैसे चलता है? (How is cervical cancer diagnosed in Hindi)
  • सर्वाइकल कैंसर का इलाज क्या है? (What is the treatment for cervical cancer in Hindi)
  • 1. सर्जरी
  • 2. रेडियेशन
  • 3. कीमोथेरेपी
  • सर्वाइकल कैंसर के खतरे को कैसे कम करें?(How to reduce your risk for cervical cancer in Hindi)
  • 1. एचपीवी के लिए टीका लगवाएं
  • 2. सुरक्षित सेक्स का अभ्यास करें
  • 3. धूम्रपान न करें
  • 4. जाने अपने रिस्क फैक्टर
  • प्रो टिप (Pro-Tip)
 महिलाओं के लिए जानलेवा हो सकता सर्वाइकल कैंसर, जानिए इसके लक्षण, कारण और बचाव के उपाय | Cervical Cancer in Hindi

Women Specific Issues

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महिलाओं के लिए जानलेवा हो सकता सर्वाइकल कैंसर, जानिए इसके लक्षण, कारण और बचाव के उपाय | Cervical Cancer in Hindi

2 February 2024 को अपडेट किया गया

सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में सबसे ज्यादा होने वाला चौथा कैंसर है, और हमारा देश भारत इससे होने वाली मृत्यु के मामलों में पूरी दुनिया में दूसरे नम्बर पर है. हम कैंसर से डरते हैं लेकिन अगर इसके बारे में सही जानकारी हो तो इससे बचा जा सकता है. इस आर्टिकल में आज हम इसके लक्षणों और कारणों के बारे में विस्तार से बता रहे हैं, ताकि समय रहते प्रत्येक महिला इस जानलेवा बीमारी के प्रति सचेत हो सके. सबसे पहले हम आपको बताने वाले हैं कि सर्वाइकल कैंसर क्या है (cervical cancer in hindi) और सर्वाइकल कैंसर के लक्षण (Symptoms of cervical cancer in hindi) को कैसे पहचानें?

सर्वाइकल कैंसर क्या है? (Cervical Cancer in Hindi)

सर्वाइकल कैंसर या सर्विक्स का कैंसर गर्भाशय यानी यूट्रस के सबसे नीचे वाले भाग का कैंसर है. इस भाग को गर्भाशय ग्रीवा कहते हैं जो महिलाओं की योनि और गर्भाशय की जोड़ती है. ये कैंसर, गर्भाशय ग्रीवा की ऊपरी सतह की कोशिकाओं में विकसित होता है. इसकी शुरूआत तब होती है जब गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाएं प्रीकैंसरस कोशिकाओं में बदलने लगती हैं, एकदम से सभी कोशिकाएं कैंसर में नहीं बदलती , लेकिन इन कोशिकाओं को पहचानना और कैंसर कोशिकाओं में बदलने से पहले उनका इलाज करना सर्वाइकल कैंसर को रोकने के लिए महत्वपूर्ण है. इस कैंसर के लक्षण, सामान्य बीमारियों जैसे अनियमित मासिक धर्म, यीस्ट इन्फेक्शन, या यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (UTI) से मिलते-जुलते होते हैं इसलिए इसे बिना मेडिकल टेस्ट के पहचानना मुश्किल होता है. सभी महिलाओं को ऐसे किसी लक्षण को अनदेखा नहीं करना चाहिए जो सर्वाइकल कैंसर से जुड़ा हो सकता है. हम बता रहें हैं कि सर्वाइकल कैंसर के लक्षण क्या हो सकते हैं?

सर्वाइकल कैंसर के लक्षण (Symptoms of Cervical Cancer in Hindi)

सर्वाइकल कैंसर के शुरुआत में कभी-कभी कोई लक्षण नजर नहीं आते, जब तक यह गर्भाशय, किडनी और आस-पास के अंगों में नहीं फैलता. फिर भी इसके कुछ सामान्य लक्षण है और सभी महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर के लक्षणों के बारे में जानकारी होना बहुत जरुरी है, अगर आप इनमें से किसी को भी नोटिस करते हैं, तो तुरंत अपने स्त्री रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें -

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  • मासिक धर्म के बीच, मेनोपॉज़ के बाद और सेक्स के बाद योनि से रक्तस्राव होना.

  • पानी जैसा खूनी योनि स्राव और योनि से बदबू आना.

  • सेक्स के दौरान पेल्विक एरिया यानी पेट के निचले हिस्से में दर्द होना.

सर्वाइकल कैंसर के कारण क्या हैं? (What are the causes of cervical cancer in Hindi)

यह स्पष्ट नहीं है कि सर्वाइकल कैंसर का कारण क्या है, लेकिन कुछ ऐसे कारण हैं जो महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर होने के खतरे को बढ़ाते हैं, जैसे:

1. ह्यूमन पैपिलोमावायरस (HPV)

एचपीवी वायरस का एक समूह है जो दुनिया भर में बेहद आम है और कैंसर के सबसे प्रमुख कारणों में से एक है. दो प्रकार के एचपीवी (टाइप 16 और 18) 70% सर्वाइकल कैंसर का कारण बनते हैं. ह्यूमन पैपिलोमावायरस असुरक्षित रूप से यौन सम्बन्ध बनाने पर फैलता है.

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2. सेक्सुअल एक्टिविटीज़ (Sexual Activity)

बिना किसी सुरक्षा के अगर सेक्स किया जाता है तो एचपीवी संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है. जो महिलाएं कम उम्र में यौन रूप से सक्रिय हो जाती हैं, उनमें जोखिम बढ़ जाता है क्योंकि युवावस्था के दौरान गर्भाशय ग्रीवा में परिवर्तन होता है और ये परिवर्तन के दौर में सर्विक्स बहुत संवेदनशील रहती है और इसे जल्दी नुकसान पहुँच सकता है. जिन महिलाओं के एक से अधिक पार्टनर होते हैं उनमें भी इसका खतरा बढ़ जाता है. सेक्स के अलावा, जननांग-से-जननांग की त्वचा संपर्क होना और ओरल सेक्स भी ह्यूमन पैपिलोमावायरस संक्रमण हो सकता है.

3. धूम्रपान (Smoking)

धूम्रपान से इम्युनिटी कमजोर हो जाती जिससे एचपीवी संक्रमण के अपने आप दूर होने की संभावना कम हो जाती है. लंबे समय तक एचपीवी का संक्रमण रहने से सर्वाइकल कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है.

4. रोग-प्रतिरोधक क्षमता का कम होना (Reduced Immunity)

जिन महिलाओं में ह्यूमन इम्यूनोडेफिशियेंसी वायरस (एचआईवी एड्स) जैसी स्वास्थ्य समस्या होती हैं वो प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर बना देती हैं और महिला को एचपीवी संक्रमण के खतरे में डाल देती हैं. एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली(इम्युनिटी सिस्टम) का होना कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने और उनकी वृद्धि को धीमा करने में महत्वपूर्ण माना जाता है.

5. सेक्सुअल ट्रांसमिटेड डिजीज (STD)

क्लैमाइडिया, ट्रैकोमैटिस जैसे कुछ बैक्टीरिया, जो सेक्स के द्वारा फैलते हैं, महिलाओं के जननांग पथ को संक्रमित कर सकते हैं. एचपीवी और क्लैमाइडिया मिलकर सर्वाइकल कैंसर का खतरा बढ़ा सकते हैं.

सर्वाइकल कैंसर का पता कैसे चलता है? (How is cervical cancer diagnosed in Hindi)

कुछ स्क्रीनिंग टेस्ट हैं जो सर्वाइकल कैंसर और उन प्रीकैंसरस कोशिकाओं की पहचान करने में मदद कर सकते हैं जो सर्वाइकल कैंसर का कारण बनती हैं. 21 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं के लिए पैप परीक्षण (PEP test) और एचपीवी डीएनए टेस्ट जैसे स्क्रीनिंग टेस्ट कराने चाहिए.

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यदि डॉक्टर को सर्वाइकल कैंसर का संदेह है, तो वे लैब टेस्ट के लिए बायोप्सी (सर्वाइकल कोशिकाओं का एक नमूना लेकर) करेंगे. यदि डॉक्टर यह निर्धारित करते हैं कि आपको सर्वाइकल कैंसर है, तो वे एक्स-रे, एमआरआई, सीटी स्कैन और पीईटी जैसे आगे के टेस्ट कर सकते हैं और आवश्यक उपचार के रास्ते बता सकते हैं.

सर्वाइकल कैंसर का इलाज क्या है? (What is the treatment for cervical cancer in Hindi)

सर्वाइकल कैंसर का उपचार कैंसर की स्टेज, आपकी पहले से मौजूद हेल्थ कंडीशन और आपकी प्राथमिकताओं पर निर्भर करता है. सर्वाइकल कैंसर का इलाज सर्जरी, रेडिएशन, कीमोथेरेपी या तीनों से एक साथ किया जा सकता है.

1. सर्जरी

फर्स्ट स्टेज में सर्वाइकल कैंसर का इलाज आमतौर पर सर्जरी से किया जाता है. हालाँकि, कैंसर के आकार, उसकी अवस्था और आप भविष्य में गर्भवती होना चाहती हैं या नहीं, इसके आधार पर यह आपके लिए सबसे अच्छा इलाज हो भी सकता है और नहीं भी.

2. रेडियेशन

उच्च शक्ति वाली ऊर्जा किरणों का उपयोग करके, रेडियेशन थेरपी कैंसर कोशिकाओं को मारने में मदद करती है. इसका उपयोग कीमोथेरेपी के साथ या सर्जरी के बाद किया जा सकता है यदि कैंसर दोबारा होने की संभावना हो. हालाँकि, रेडियेशन थेरपी से मेनोपॉज़ और गर्भधारण में समस्या पैदा कर सकती है.

3. कीमोथेरेपी

कैंसर कोशिकाओं को मारने के लिए केमिकल का उपयोग करना यानी कीमोथेरेपी एक मेडिकल ट्रीटमेंट है. इसे नसों में या गोली के माध्यम से दिया जा सकता है. कीमोथेरेपी सर्वाइकल कैंसर की शुरुआती स्टेज में मदद कर सकती है.

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सर्वाइकल कैंसर के खतरे को कैसे कम करें?(How to reduce your risk for cervical cancer in Hindi)

सर्वाइकल कैंसर के खतरे को कम करने के लिए आप कुछ सुरक्षा उपाय अपना सकते हैं, जैसे:

1. एचपीवी के लिए टीका लगवाएं

अधिकांश सर्वाइकल कैंसर ह्यूमन पैपिलोमावायरस (एचपीवी) के कारण होते हैं. एचपीवी के लिए टीका लगवाने से सर्वाइकल कैंसर के विकास का खतरा कम हो जाता है. आपके लिए सही टीका चुनने के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें.

2. सुरक्षित सेक्स का अभ्यास करें

सर्वाइकल कैंसर को रोकने का सबसे अच्छा तरीका, एचपीवी से संक्रमित लोगों के साथ किसी भी तरह के यौन संपर्क से बचना है, सुरक्षा का उपयोग करना है और इस बात पर जोर देना है कि इंटीमेट होने से पहले आपका यौन साथी एसटीडी टेस्ट करवा ले.

3. धूम्रपान न करें

धूम्रपान न केवल आपके फेफड़ों को नष्ट करता है, बल्कि यह आपके शरीर को एचपीवी जैसे संक्रमणों से लड़ने से भी रोकता है. इससे बचकर रहना ही सही है.

4. जाने अपने रिस्क फैक्टर

कुछ महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर का खतरा दूसरों की तुलना में अधिक होता है. इस बारे में अपने डॉक्टर से बात करें और पता करें कि आपको इस कैंसर का कितना जोखिम हो सकता है.

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प्रो टिप (Pro-Tip)

सर्वाइकल कैंसर से बचाव ही इसका उपचार है इसलिए अपनी सेहत के प्रति जागरूक रहें और अपनी रोग-प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने का प्रयास करें. डॉक्टर से बात करें और समय-समय पर जरुरी टेस्ट करवाना जरुरी है. यह आर्टिकल महिला स्वास्थ्य के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण है इसलिए इसे अपनी महिला साथियों के साथ जरुर शेयर करें.

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Written by

Auli Tyagi

Auli is a skilled content writer with 6 years of experience in the health and lifestyle domain. Turning complex research into simple, captivating content is her specialty. She holds a master's degree in journalism and mass communication.

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