Panchatantra Stories in Hindi | पंचतंत्र की दिलचस्प कहानियाँ
hamburgerIcon

Search for

Orders

login

Profile

STORE
Skin CareHair CarePreg & MomsBaby CareDiapersMoreGet Mylo App

Get MYLO APP

Install Mylo app Now and unlock new features

💰 Extra 20% OFF on 1st purchase

🥗 Get Diet Chart for your little one

📈 Track your baby’s growth

👩‍⚕️ Get daily tips

OR

Cloth Diapers

Diaper Pants

This changing weather, protect your family with big discounts! Use code: FIRST10This changing weather, protect your family with big discounts! Use code: FIRST10
ADDED TO CART SUCCESSFULLY GO TO CART

Article Continues below advertisement

  • Home arrow
  • Panchatantra Stories in Hindi | पंचतंत्र की दिलचस्प कहानियाँ arrow

In this Article

  • 1. बंदर और मगरमच्छ की कहानी (Panchatantra stories in Hindi with moral)
  • 2. शिकार का ऐलान (Panchatantra stories in Hindi with moral)
  • 3. खटमल और बेचारी जूं (Panchatantra stories in Hindi with moral)
  • 4. तीन मछलियां (Panchatantra stories in Hindi with moral)
  • 4. चुहिया का स्वयंवर (Panchatantra stories in Hindi with moral)
  • प्रो टिप (Pro Tip)
Panchatantra Stories in Hindi | पंचतंत्र की दिलचस्प कहानियाँ

Baby Care

views icons2526

Panchatantra Stories in Hindi | पंचतंत्र की दिलचस्प कहानियाँ

4 December 2023 को अपडेट किया गया

पंचतंत्र की कहानियाँ (panchtantra ki kahaniyan Hindi mein) पंडित विष्णु शर्मा द्वारा लिखी (panchtantra ki kahani kisne likhi) गयी मनोरंजक कहानियों का ऐसा संग्रह है जो कूटनीति, मित्रता, नेतृत्व और नैतिकता (panchatantra stories in Hindi with moral) पर आधारित मूल्यवान पाठ पढ़ाती हैं. पंचतंत्र में पाँच पुस्तकें हैं, जिनमें दी गयी कहानियाँ संस्कृति और भाषा की सीमाओं से परे सरल तरीके़ से जीवन जीने की कला सिखाती हैं. यहाँ हम आपको पाँच ऐसी ही पंचतंत्र की (panchatantra stories in Hindi) कहानियाँ सुनाएँगे. तो चलिए शुरू करते हैं.

1. बंदर और मगरमच्छ की कहानी (Panchatantra stories in Hindi with moral)

एक बंदर नदी किनारे जामुन के पेड़ पर रहता था, जिसमें मीठे जामुन लगते थे. एक दिन, एक मगरमच्छ खाना ढूँढते-ढूँढते वहाँ आया और बंदर ने उसे देखकर पेड़ पर जामुन लगे होने की बात बताई. फिर बंदर ने मगरमच्छ को भूखा जानकर उसको रसीले स्वादिष्ट जामुन तोड़कर दिये और इस तरह वो दोनों दोस्त बन गए. बंदर हर रोज़ मगरमच्छ को जामुन देता था जिन्हें मगरमच्छ अपनी पत्नी के लिए भी ले जाने लगा. एक दिन उसकी पत्नी ने जामुन खाने के बाद यह सोचा कि जो बंदर हर दिन मीठे फल खाता है उसका दिल कितना मीठा होगा और फिर उसने अपने पति से बंदर का दिल खाने की इच्छा जताई. मगरमच्छ ने पत्नी के दबाव में बंदर को अपने घर आने का न्योता दिया और उसे अपनी पीठ पर बैठा लिया. रास्ते में मगरमच्छ ने अपनी पत्नी की इच्छा का ज़िक्र किया जिससे बंदर को बेहद बुरा लगा और उसका दिल टूट गया. भय के बावजूद, बंदर ने अपनी बुद्धि का इस्तेमाल करते हुए मगरमच्छ से कहा कि “दोस्त, तुमने मुझे पहले कहना चाहिए था. मैंने तो अपना दिल जामुन के पेड़ पर ही रखा है. तुम जल्दी से मुझे वापस ले चलो ताकि मैं अपना दिल लाकर भाभी को दे सकूँ. मूर्ख मगरमच्छ बन्दर को वापस नदी-किनारे ले आया और किनारे आते ही बन्दर ने ज़ोर से जामुन के पेड़ पर छलांग लगाई और इस तरह उसकी जान बच गयी. इसके बाद उसने मगरमच्छ से अपनी दोस्ती हमेशा के लिए तोड़ दी.

पंचतंत्र की यह (panchtantra ki kahani Hindi mein) कहानी हमें बताती है कि कठिन समय में धैर्य रखना चाहिए और हमेशा सोच समझकर ही मित्र बनाना चाहिए. साथ ही सच्चे मित्रों का सदा सम्मान करना चाहिए.

Article continues below advertisment

2. शिकार का ऐलान (Panchatantra stories in Hindi with moral)

एक घने जंगल का राजा एक शक्तिशाली शेर था और उसकी सेवा में एक लोमड़ी, एक चीता, एक भेड़िया और एक चील थी जो दिन भर यहाँ-वहाँ घूम कर जंगल की सभी ख़बरें उस तक पहुंचाती थी. जंगल के बाक़ी जानवर इन चारों को चापलूस कहते थे, क्योंकि ये सभी आलसी थे और शेर के टुकड़ों पर अपना जीवन आराम से बिता रहे थे. एक दिन, चीते ने सड़क के पास बैठे हुए एक ऊँट के बारे में शेर को बताया और कहा कि वह इंसानों द्वारा पाले जाने के कारण स्वादिष्ट मांस वाला एक बढ़िया भोजन हो सकता है. शेर वहाँ गया और पाया कि ऊँट कमज़ोर और बीमार था. पूछने पर उसने बताया कि बीमार होने पर एक व्यापारी ने उसे जंगल में मरने के लिए छोड़ दिया था. शेर को दया आ गई और उसने ऊँट की जान बचाने का फै़सला करते हुए कहा कि वह उसके संरक्षण में जंगल में रहे.

शेर की इस दयालुता को देखकर चारों चापलूस जानवर दंग रह गए. भेड़िये ने कहा कि कोई नहीं, बाद में इसे किसी तरह से मरवा देंगे. इसे तो हम ही खायेंगे. अभी जंगल के राजा का आदेश मान लेते हैं.

ऊँट उसी जंगल में हरी घास खाते-खाते कुछ ही दिनों में बिल्कुल स्वस्थ हो गया. वह शेर का बहुत आदर करता था. एक दिन शेर की एक पागल हाथी से लड़ाई हुए जिसमें उसे बहुत चोट लग गयी जिस कारण अब वह शिकार पर नहीं जा पाता था. अब उसके आलसी सेवक भी भूखे थे. एक दिन उन दुष्टों का ध्यान स्वस्थ ऊँट पर गया और उसे खाने की एक तरकीब सोची.

सबसे पहले भेड़िए ने कहा कि महाराज आप भूखे हैं इसलिए आप मुझे खा लीजिए. फिर एक-एक करके चील, लोमड़ी और फिर चीते ने शेर का भोजन बनने का प्रस्ताव दिया. ये सब नाटक इसलिए था ताकि ँऊँट भी शेर का भोजन बनने का प्रस्ताव रख दे जिसे वो बेचारा नहीं समझ पाया.

उसने भी शेर से कहा, “मेरा जीवन आपकी ही देन है इसलिए आप मुझे खा कर अपनी भूख मिटा लें. चारों दुष्ट जानवरों ने ये सुनते ही कहा महाराज ऊँट सही कह रहा है. अब क्योंकि आपकी तबीयत ख़राब है, तो लाइये हम इसका शिकार आपके लिए कर देते हैं. शेर के जवाब को सुने बिना चीता और भेड़िया ऊँट पर झपटे और उसे मार डाला. शेर दु:खी तो हुआ, पर अभी तक यह नहीं समझ पाया था कि ये उसके आलसी दोस्तों की चाल थी.

Article continues below advertisment

पंचतंत्र की इस (panchtantra stories in Hindi) कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि चापलूस ओर स्वार्थी लोगों को ख़ुद से दूर रखना चाहिए, क्योंकि वे अपने फ़ायदे के लिए कुछ भी कर सकते हैं.

3. खटमल और बेचारी जूं (Panchatantra stories in Hindi with moral)

मंदारसर्पिणी नामक खटमल एक राजा के बिस्तर को अपना निवास बना कर रहता था और जब राजा सोता तो वह चुपचाप उसका खून चूसकर अपने स्थान पर छिप जाता था. एक दिन अग्निमुख नाम का एक पिस्सू भी वहाँ घुस आया तो मंदारसर्पिणी ने उसे जाने को कहा. चालक अग्निमुख ने कहा कि मैं तुम्हारा मेहमान हूँ और इसलिए मुझसे इस तरह का व्यवहार नहीं करना चाहिए. मंदारसर्पिणी उसकी बातों में आ गया लेकिन उसे कहा कि वह राजा का खून न पिए. अग्निमुख ने कहा कि मेहमान को भूखा नहीं रखा जाता इसलिए उसे भी राजा का खून चूसने दिया जाए. मंदारसर्पिणी फिर से उसकी बातों में आ गया लेकिन उसे हिदायत दी कि राजा को दर्द का अनुभव नहीं होना चाहिए. लेकिन राजा के आने पर खटमल सब कुछ भूल गया और राजा के स्वादिष्ट खून को चखने के बाद उसे जोर-जोर से काटकर और ज़्यादा खून चूसने लगा, जिससे राजा परेशान होकर जाग गया. क्रोध में राजा ने अपने सेवकों से उस खटमल को ढूँढकर मारने की आज्ञा दी. अग्निमुख कंबल में छिप गया लेकिन सेवकों का ध्यान कंबल के कोने में बैठे मंदारसर्पिणी के पास गया और उन्होंने उसे पकड़ कर मार डाला.

पंचतंत्र की यह कहानी (panchtantra stories in Hindi) हमें सिखाती हैं कि अजनबियों पर आँख बंद करके भरोसा नहीं करना चाहिए और ऐसी परिस्थितियों में सतर्क रहना ज़रूरी है.

4. तीन मछलियां (Panchatantra stories in Hindi with moral)

एक नदी के किनारे उस से जुड़ा एक बड़ा तालाब था जो काई से भरा होने के कारण मछलियों की पसंदीदा जगह था. यहाँ तीन मछलियों का एक झुंड रहता था. उनमें से अन्ना, परेशानियों का बिना डरे समाधान खोजने में विश्वास करती थी, जबकि प्रत्यु सोचती थी कि जब संकट सामने ही आ जाए तब अपने बचाव की सोचो और यद्दी का सोचना था कि कितने भी प्रयास कर लो भाग्य को नहीं बदला जा सकता है. एक शाम, निराश मछुआरे घर लौट रहे थे क्योंकि उनके जाल में बहुत ही कम मछलियाँ फँसी थीं . तभी उनके ऊपर से पक्षियों का एक झुंड गुज़रा जिनके मुँह में मछलियाँ भरी हुई थीं. उन्हें देखकर मछुवारों को आस-पास तालाब होने के संकेत मिला और उन्होंने उस तालाब को ढूँढ निकाला. मछलियों से भरे तालाब को देखकर उन्होंने अगले दिन आकर जाल डालने की योजना बनाई.

मछुवारों की बात सुनकर अन्ना ने तुरंत ही तालाब छोड़कर नदी में चले जाने का निर्णय लिया जबकि, जबकि प्रत्यु ने कहा कि जब मछुवारे आएँगे तब देखेंगे,अभी से क्यों परेशान होना. यद्दी ने अपने स्वभाव के अनुरूप कहा कि अगर भाग्य में मरना लिखा है तो क्या किया जा सकता है. अन्ना उसी समय तालाब से चली गयी. अगले दिन जैसे ही मछुआरे आए, प्रत्यु अपनी जान बचाने के लिए एक मरे हुए ऊदबिलाव की लाश के अंदर चली गयी और उसके शरीर से भी सड़े मांस की बदबू आने लगी. मछुवारों ने उसे मरा जान कर छोड़ दिया. लेकिन भाग्य के सहारे रहने वाली येद्दी ने कोई प्रयास नहीं किया और बाक़ी मछलियों के साथ जाल में फँस कर तड़प -तड़प कर मर गयी.

Article continues below advertisment

पंचतंत्र की यह कहानी (panchatantra in Hindi) यह सीख देती है कि सफलता उनको मिलती है जो प्रयास करते हैं. जो भाग्य के भरोसे बैठे रहते हैं उनका विनाश निश्चित है.

4. चुहिया का स्वयंवर (Panchatantra stories in Hindi with moral)

गंगा नदी के तट पर कुछ तपस्वियों का आश्रम था जहाँ याज्ञवल्क्य नाम के ऋषि रहते थे. एक दिन वो नदी के किनारे आचमन कर रहे थे. उसी वक़्त आकाश में एक बाज अपने पंजे में एक चुहिया को दबाये जा रहा था जो उसकी पकड़ से छूटकर ऋषि की पानी से भरी हथेली में आ गिरी. ऋषि ने उसे एक पीपल के पत्ते पर रखा और दोबारा नदी में स्नान किया. चुहिया अभी मरी नहीं थी इसलिए ऋषि ने अपने तप से उसे कन्या बना दिया और आश्रम में ले आये. अपनी पत्नी से कहा इसे अपनी बेटी ही समझकर पालना. दोनों निसंतान थे इसलिए उनकी पत्‍नी ने कन्या का पालन बड़े प्रेम से किया. कन्या उनके आश्रम में पलते हुए बारह साल की हो गयी तो उनकी पत्‍नी ने ऋषि से उसके विवाह के लिए कहा.

ऋषि ने कहा में अभी सूर्य को बुलाता हूँ. यदि यह हाँ कहे तो उसके साथ इसका विवाह कर देंगे ऋषि ने कन्या से पूछा तो उसने कहा “यह अग्नि जैसा गरम है. कोई इससे अच्छा वर बुलाइये.”

तब सूर्य ने कहा बादल मुझ से अच्छे हैं, जो मुझे ढक लेते हैं. बादलों को बुलाकर ऋषि ने कन्या से पूछा तो उसने कहा “यह बहुत काले हैं कोई और वर ढूँढिए.”

फिर बादलों ने कहा “वायु हमसे भी वेगवती है जो हमें उड़ाकर ले जाती है"

Article continues below advertisment

तब ऋषि ने वायु को बुलाया और कन्या की राय माँगी तो उसने कहा “पिताजी यह तो बड़ी चंचल है. किसी और वर को बुलाइए."

इस पर वायु बोली “पर्वत मुझसे अच्छा है, जो तेज़ हवाओं में भी स्थिर रहता है.”

अब ऋषि ने पर्वत को बुलाया और कन्या से पूछा. कन्या ने उत्तर दिया “पिताजी, ये बड़ा कठोर और गंभीर है, कोई और अच्छा वर ढूँढिए न."

इस पर पर्वत ने कहा “चूहा मुझ से अच्छा है, जो मुझमें छेद कर अपना बिल बना लेता है.”

ऋषि ने तब चूहे को बुलाया और बेटी से कहा “पुत्री यह मूषकराज क्या तुम्हें स्वीकार हैं?”

Article continues below advertisment

कन्या ने चूहे को देखा और देखते ही वो उसे बेहद पसंद आ गया. उस पर मोहित होते हुए वो बोली “आप मुझे चुहिया बनाकर इन मूषकराज को सौंप दीजिये"

ऋषि ने तथास्तु कह कर उसे फिर चुहिया बना दिया और मूषकराज से उसका स्वयंवर करा दिया.

पंचतंत्र की ये कहानी (Hindi panchtantra ki kahaniyan) हमें ये बताती हैं जन्म से जिसका जैसा स्वभाव होता है वह कभी नहीं बदल सकता.

इसे भी पढ़ें : दिल बहलाने के साथ ही ज़िंदगी की सीख भी देती हैं पंचतंत्र की ये कहानियाँ

प्रो टिप (Pro Tip)

पंचतंत्र की कहानियाँ छोटी-छोटी (panchatantra short stories in Hindi) जरूर हैं लेकिन सरल भाषा में बच्चों के कोमल मन पर गहरा प्रभाव डालती हैं. आप भी अपने बच्चे को ये मज़ेदार कहानियाँ (panchatantra kahani) सुनाइए ताकि वो जीवन के बहुमूल्य पाठ सीख सकें.

Article continues below advertisment

Is this helpful?

thumbs_upYes

thumb_downNo

Written by

Kavita Uprety

Get baby's diet chart, and growth tips

Download Mylo today!
Download Mylo App

Related Topics

RECENTLY PUBLISHED ARTICLES

our most recent articles

foot top wavefoot down wave

AWARDS AND RECOGNITION

Awards

Mylo wins Forbes D2C Disruptor award

Awards

Mylo wins The Economic Times Promising Brands 2022

AS SEEN IN

Mylo Logo

Start Exploring

wavewave
About Us
Mylo_logo

At Mylo, we help young parents raise happy and healthy families with our innovative new-age solutions:

  • Mylo Care: Effective and science-backed personal care and wellness solutions for a joyful you.
  • Mylo Baby: Science-backed, gentle and effective personal care & hygiene range for your little one.
  • Mylo Community: Trusted and empathetic community of 10mn+ parents and experts.