Follicular study meaning in Hindi | MyloFamily
hamburgerIcon

Search for Baby Diap

Orders

login

Profile

STORE
Skin CareHair CarePreg & MomsBaby CareDiapersMoreGet Mylo App

Get MYLO APP

Install Mylo app Now and unlock new features

💰 Extra 20% OFF on 1st purchase

🥗 Get Diet Chart for your little one

📈 Track your baby’s growth

👩‍⚕️ Get daily tips

OR

Cloth Diapers

Diaper Pants

This changing weather, protect your family with big discounts! Use code: FIRST10This changing weather, protect your family with big discounts! Use code: FIRST10
ADDED TO CART SUCCESSFULLY GO TO CART

Article Continues below advertisement

  • Home arrow
  • Women Specific Issues arrow
  • Follicular Study Meaning in Hindi | डॉक्टर फॉलिक्युलर स्‍टडी की सलाह कब और क्यों देते हैं? arrow

In this Article

  • फॉलिक्युलर स्‍टडी क्‍या होती है? (Follicular study in Hindi)
  • फॉलिक्युलर मॉनिटरिंग की ज़रूरत कब पड़ती है? (When is follicular monitoring required in Hindi)
  • 1. इंफर्टिलिटी असेसमेंट (Infertility evaluation)
  • 2. असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी (Assisted reproductive technologies ART)
  • 3. ओव्यूलेशन इंडक्शन
  • 4. हार्मोनल ट्रीटमेंट
  • 5. पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS)
  • फॉलिक्युलर स्‍टडी की प्रोसेस क्या होती है? (Follicular study procedure in Hindi)
  • 1. बेसलाइन स्कैन (Baseline Scan)
  • 2. बाद का स्कैन (Subsequent Scans)
  • 3. अल्ट्रासाउंड (Ultrasound Examination)
  • 4. फॉलिकल मॉनिटरिंग (Follicle Monitoring)
  • 5. एंडोमेट्रियल असेसमेंट (Endometrial Assessment)
  • 6. रिकॉर्ड कीपिंग और एनालिसिस (Documentation and Analysis)
  • क्या फॉलिक्युलर मॉनिटरिंग से गर्भधारण में मदद मिलती है? (Can follicular monitoring help to conceive in Hindi)
  • फॉलिक्युलर स्टडी रिपोर्ट से क्या पता चलता है? (What does the follicular study report reveal in Hindi)
  • 1. फॉलिकल का आकार और संख्या (Follicle size and count)
  • 2. सबसे स्वस्थ फॉलिकल की पहचान (Dominant follicle identification)
  • 3. एंडोमेट्रियल असेसमेंट (Endometrial lining assessment)
  • 4. हार्मोन लेवल (Hormone levels)
  • फॉलिक्युलर स्टडी के बाद क्या करें? (What to do after follicular study in Hindi)
  • प्रो टिप (Pro Tip)
  • रेफरेंस
Follicular Study Meaning in Hindi | डॉक्टर फॉलिक्युलर स्‍टडी की सलाह कब और क्यों देते हैं?

Women Specific Issues

views icons1682

Follicular Study Meaning in Hindi | डॉक्टर फॉलिक्युलर स्‍टडी की सलाह कब और क्यों देते हैं?

22 September 2023 को अपडेट किया गया

Medically Reviewed by

Dr. Shruti Tanwar

C-section & gynae problems - MBBS| MS (OBS & Gynae)

View Profile

फॉलिक्युलर स्टडी (Follicular study kya hai) प्रेग्नेंसी के लिए इच्छुक कपल्स और इंफर्टिलिटी के ट्रीटमेंट में काम आने वाली एक मेडिकल टेक्निक है जिससे महिलाओं की ओवरी में फॉलिकल डेवलपमेंट को चेक किया जाता है. इसे फ़ॉलिकल ट्रैकिंग (follicle tracking) या ओवेरियन मॉनिटरिंग (ovarian monitoring) भी कहते हैं. आइये आपको बताते हैं कि ये कब और कैसे काम करती है.

फॉलिक्युलर स्‍टडी क्‍या होती है? (Follicular study in Hindi)

फॉलिक्युलर स्टडी के दौरान गर्भाशय का अल्ट्रासाउंड (Follicular study ultrasound in hindi) किया जाता है और ओवरी में मौजूद फॉलिकल की संख्या, साइज़ और ग्रोथ को चेक किया जाता है. यह प्रोसेस तब की जाती है जब फॉलिकल मैटर मैच्योर हो और इसमें छह से आठ अल्ट्रासाउंड लगातार किए जाते हैं ताकि फॉलिकल ग्रोथ की सही जानकारी मिल सके. फॉलिक्युलर स्टडी से ओव्यूलेशन का सही समय पता चल जाता है और प्रेग्नेंसी प्लान करने में मदद मिलती है.

फॉलिक्युलर मॉनिटरिंग की ज़रूरत कब पड़ती है? (When is follicular monitoring required in Hindi)

फॉलिक्युलर मॉनिटरिंग को इंफर्टिलिटी के इलाज़ के तरीकों के साथ प्रयोग किया जाता है; जैसे कि

Article continues below advertisment

1. इंफर्टिलिटी असेसमेंट (Infertility evaluation)

यदि गर्भधारण में कठिनाई हो रही हो, तो फॉलिक्युलर मॉनिटरिंग से ओव्यूलेशन या फॉलिकल की संख्या, आकार और ग्रोथ को ट्रैक करने और फर्टाइल पीरियड का पता लगाने में मदद मिलती है.

2. असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी (Assisted reproductive technologies ART)

आईवीएफ(IVF) या आईयूआई (IUI) जैसी टेक्निक्स में फॉलिक्युलर मॉनिटरिंग एक महत्वपूर्ण रोल निभाती है. इससे डॉक्टर्स को फर्टिलिटी मेडिसिन के प्रभाव, फॉलिकल की ग्रोथ, ओव्यूलेशन शुरू होने और आईवीएफ के लिए एग लेने के सही समय को जानने में मदद मिलती है.

3. ओव्यूलेशन इंडक्शन

महिला के नियमित रूप से ओव्यूलेट (ovulation) नहीं कर पाने या मैच्योर एग का प्रोडक्शन न हो पाने पर ओव्यूलेशन को तेज़ करने की दवाएँ दी जाती हैं. इन दवाओं का रिएक्शन, फॉलिकल की ग्रोथ और ओव्यूलेशन शुरू होने के समय को ट्रैक करने में भी फॉलिक्युलर मॉनिटरिंग से मदद मिलती है.

इसे भी पढ़ें : गर्भधारण के लिए ज़रूरी है ओव्यूलेशन. जानें कैसे करते हैं इसे ट्रैक

4. हार्मोनल ट्रीटमेंट

क्लोमीफीन साइट्रेट (clomiphene citrate) या लेट्रोज़ोल (letrozole) जैसे हार्मोनल ट्रीटमेंट की मदद से ओव्यूलेशन कराये जाने पर भी फॉलिक्युलर मॉनिटरिंग का प्रयोग किया जाता है.

Article continues below advertisment

5. पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS)

पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं में अनियमित ओव्यूलेशन या ओव्यूलेशन न होने की दिक्कत आती है. ऐसे में फॉलिक्युलर डेवलपमेंट को ट्रैक करने के लिए फॉलिक्युलर स्‍टडी से मदद मिलती है.

इसे भी पढ़ें : पीसीओएस होने पर कैसे रखें ख़ुद का ख़्याल?

फॉलिक्युलर स्‍टडी की प्रोसेस क्या होती है? (Follicular study procedure in Hindi)

फॉलिक्युलर स्टडी (Follicular study kya hai) कई स्टेप्स में की जाती है जो इस प्रकार हैं.

1. बेसलाइन स्कैन (Baseline Scan)

बेसलाइन स्कैन फॉलिक्युलर मॉनिटरिंग की शुरुआत में किया जाने वाला शुरुआती अल्ट्रासाउंड है जिससे मेंस्ट्रुअल साइकिल के दौरान फॉलिकल की ग्रोथ को जाँचा जाता है. इसके अलावा ओवरी और यूटरस समेत सभी ऑर्गन्स की वर्तमान स्थिति का पता लगाया जाता है.

2. बाद का स्कैन (Subsequent Scans)

इसके बाद के स्कैन को सबसीक्वेंट स्कैन कहा जाता है. इससे मेंस्ट्रुअल साइकिल के दौरान ओवरी में फॉलिकल (ovarian follicles) के बनने की शुरुआत और उनकी संख्या को चेक करते हैं.

Article continues below advertisment

3. अल्ट्रासाउंड (Ultrasound Examination)

सबसीक्वेंट स्कैन के बाद रिपीट अल्ट्रासाउंड (Follicular study ultrasound in hindi) होते हैं जिनसे फॉलिकल (ovarian follicles) की ग्रोथ और मैच्योरिटी को ट्रैक किया जाता है.

4. फॉलिकल मॉनिटरिंग (Follicle Monitoring)

फॉलिकल मॉनिटरिंग में फॉलिकल के साइज़ को चेक करने के साथ-साथ उसकी मैच्योरिटी को भी देखा जाता है. इसमें हर एक फॉलिकल के डायमीटर को नापा जाता है ताकि उन स्वस्थ और मज़बूत फॉलिकल्स का पता चल सके जिनसे एक मैच्योर एग रिलीज़ होने की सबसे अधिक संभावना हो. फॉलिकल्स में लगातार आने वाले बदलावों से ओव्यूलेशन का संकेत मिल जाता है.

5. एंडोमेट्रियल असेसमेंट (Endometrial Assessment)

अल्ट्रासाउंड स्कैन में यूट्रीन लाइनिंग को भी चेक किया जाता है जिसे एंडोमेट्रियम (endometrium) कहते हैं. ट्रांसप्लांटेशन के लिए एंडोमेट्रियम की मोटाई और क्वालिटी का ठीक होना ज़रूरी है. इस असेसमेंट द्वारा गर्भधारण के लिए सेक्स का सही समय और दवाओं से ओव्यूलेशन को ट्रिगर करने के अलावा आईवीएफ (IFV) और आईयूआई (IUI) जैसे फर्टिलिटी ट्रीटमेंट में भी विशेष मदद मिलती है

6. रिकॉर्ड कीपिंग और एनालिसिस (Documentation and Analysis)

डॉक्यूमेंटेशन और एनालिसिस, फॉलिक्युलर मॉनिटरिंग के महत्वपूर्ण स्टेप्स हैं. इनमें अल्ट्रासाउंड के दौरान प्राप्त जानकारी को डेटा के रूप में रिकॉर्ड किया जाता है. इसमें पेशेंट की जानकारी, स्कैन की डेट्स और फाइलिंग, फॉलिकल का साइज़, एंडोमेट्रियल की मोटाई के अलावा दवाओं और ट्रीटमेंट के डिटेल्स को नोट किया जाता है.

क्या फॉलिक्युलर मॉनिटरिंग से गर्भधारण में मदद मिलती है? (Can follicular monitoring help to conceive in Hindi)

जी हाँ, फॉलिक्युलर मॉनिटरिंग से गर्भधारण करने में मदद मिलती है, ख़ासकर ऐसे मामलों में जहाँ ओव्यूलेशन या इंफर्टिलिटी से जुड़ी दिक्कतों के कारण प्रेग्नेंसी न हो पा रही हो. फॉलिकल की ग्रोथ ट्रैकिंग से ओव्यूलेशन के सही समय का पता लग जाता है और फिर उस फर्टाइल विंडो के दौरान बच्चा प्लान करने का प्रयास किया जाता है जिससे सफलता की संभावना बढ़ जाती है.

Article continues below advertisment

फॉलिक्युलर स्टडी रिपोर्ट से क्या पता चलता है? (What does the follicular study report reveal in Hindi)

फॉलिक्युलर मॉनिटरिंग की रिपोर्ट से ओवेरियन फॉलिकल की ग्रोथ संबंधी पूरी जानकारी मिल जाती है; जैसे कि-

1. फॉलिकल का आकार और संख्या (Follicle size and count)

मॉनिटरिंग के दौरान देखे गए फॉलिकल का साइज़ और संख्या के अलावा हर एक फॉलिकल के डायमीटर के बारे में भी पता चलता है जिसे उनकी ग्रोथ को ट्रैक करने और उनकी मैच्योरिटी का अंदाज़ा लगाने में मदद मिलती है.

2. सबसे स्वस्थ फॉलिकल की पहचान (Dominant follicle identification)

मॉनिटरिंग से सबसे स्वस्थ और मज़बूत फॉलिकल की पहचान करना आसान हो जाता है जिसे ओव्यूलेशन का समय पता करने में मदद मिलती है.

3. एंडोमेट्रियल असेसमेंट (Endometrial lining assessment)

स्टडी रिपोर्ट से एंडोमेट्रियल लाइनिंग की मोटाई और क्वालिटी को चेक किया जाता है जिससे इंप्लांटेशन के लिए एंडोमेट्रियम (Endometrium) की रेडीनेस का अंदाज़ा लगता है.

4. हार्मोन लेवल (Hormone levels)

कुछ मामलों में, फॉलिकल असेसमेंट रिपोर्ट में एस्ट्राडियोल (estrogen) और ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन (luteinizing hormone – LH) के लेवल को भी चेक किया जाता है.

Article continues below advertisment

फॉलिक्युलर स्टडी के बाद क्या करें? (What to do after follicular study in Hindi)

फॉलिक्युलर स्टडी आपके आगे के लाइन ऑफ ट्रीटमेंट की दिशा तय करने में मदद करती है. इसके लिए

  1. आपके डॉक्टर के साथ एक फॉलो-अप सेशन लें जिसमें वो आपको स्टडी के नतीज़ो के अनुसार आगे की सलाह देंगे.
  2. इसमें दवाओं में बदलाव के अलावा अन्य तरीक़ों के प्रयोग से प्रेग्नेंसी की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए ट्रीटमेंट प्लान तैयार करेंगे.
  3. इसके अलावा ओव्यूलेशन के समय के अनुसार सबसे फर्टाइल दिनों की जानकारी मिलेगी ताकि आप उन दिनों सेक्स करें.
  4. ट्रीटमेंट प्लान के आधार पर डॉक्टर आपको आईयूआई IUI) या आईवीएफ (IVF) जैसी टेक्निक से गर्भधारण की सलाह भी दे सकते हैं.
  5. फर्टिलिटी ट्रीटमेंट के मामलों में डॉक्टर रिपीट फॉलिक्युलर स्टडी की सलाह भी देते हैं जिसे ट्रीटमेंट की प्रोग्रेस को चेक किया जा सके.

इसे भी पढ़ें : शुरू से लेकर अंत तक ऐसी होती है आईवीएफ की प्रोसेस

प्रो टिप (Pro Tip)

इंफर्टिलिटी या प्रेग्नेंसी से जुड़ी दिक्कतों में फॉलिक्युलर स्टडी बेहद मददगार साबित होती है लेकिन इसे हमेशा किसी एक्सपर्ट की देखरेख में ही करवाना चाहिए जो स्टडी रिपोर्ट से सही फ़ाइंडिंग निकाल कर आपको एक सही ट्रीटमेंट प्लान सजेस्ट कर सकें.

रेफरेंस

1. Abdul-Karin RW, Terry FM, Badawy SZ, Sheehe PR. (1990). Effect of ultrasound monitoring of follicular growth on the conception rate. A clinical study.

2. Debnath J, Satija L, Rastogi V, Dhagat PK, Sharma RK, et al. (2000). TRANSVAGINAL SONOGRAPHIC STUDY OF FOLLICULAR DYNAMICS IN SPONTANEOUS AND CLOMIPHENE CITRATE CYCLES.

Article continues below advertisment

Tags

Follicular Study in English

Is this helpful?

thumbs_upYes

thumb_downNo

Medically Reviewed by

Dr. Shruti Tanwar

C-section & gynae problems - MBBS| MS (OBS & Gynae)

View Profile

Written by

Kavita Uprety

Get baby's diet chart, and growth tips

Download Mylo today!
Download Mylo App

RECENTLY PUBLISHED ARTICLES

our most recent articles

foot top wavefoot down wave

AWARDS AND RECOGNITION

Awards

Mylo wins Forbes D2C Disruptor award

Awards

Mylo wins The Economic Times Promising Brands 2022

AS SEEN IN

Mylo Logo

Start Exploring

wavewave
About Us
Mylo_logo

At Mylo, we help young parents raise happy and healthy families with our innovative new-age solutions:

  • Mylo Care: Effective and science-backed personal care and wellness solutions for a joyful you.
  • Mylo Baby: Science-backed, gentle and effective personal care & hygiene range for your little one.
  • Mylo Community: Trusted and empathetic community of 10mn+ parents and experts.