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In this Article

  • टू टेरिबल होता कैसे है? (What makes the twos so terrible?)
  • टेरिबल टू के क्या लक्षण होते हैं? (What are the signs of terrible twos?)
  • क्या आपके बच्चे के "टेरिबल टू" की शुरुआत हो चुकी है? (Have the "terrible twos" begun for your child?)
  • यह समस्या व्यवहारिक है या टेरिबल टू ? (Is the problem a behavioural one or the terrible twos?)
  • क्या सभी बच्चे ऐसा अनुभव करते हैं? (Do all kids experience it?)
  • इस अवस्था को ख़त्म होने में कितना वक़्त लगता है ? (How long does this phase last?)
  • टेरिबल टू से निपटने के तरीके (Tips for dealing with the terrible twos)
  • सहायता कब प्राप्त करें? (When to get assistance?)
  • निष्कर्ष (Conclusion)
टेरिबल टू को संभालने के लिए पेरेंटिंग टिप्स

Parenting Tips

टेरिबल टू को संभालने के लिए पेरेंटिंग टिप्स

4 April 2023 को अपडेट किया गया

अक्सर माता पिता को लगता है कि "टेरिबल टू" का आशय उस समय से है जब उनका बच्चा दो वर्ष का हो जाता है. लेकिन हकीकत में, यह अवस्था तब ही से शुरू हो सकती है जब बच्चा 18 महीने का हो जाता है और यह लगभग तीन वर्ष की आयु तक जारी रहती है. इस दौरान माता पिता को अपने बच्चे को संभालने के लिए तैयार रहना चाहिए और चिंतित होने से बचना चाहिए.

टू टेरिबल होता कैसे है? (What makes the twos so terrible?)

टेरिबल टू बेहद शरारती होता है जो बच्चों के स्वभाव में बड़े बदलाव लेकर आता है. इस दौरान माता पिता बच्चों में मूड स्विंग और गुस्सा सर्वाधिक महसूस करते हैं. कुछ माता पिता भौचक्के रह जाते हैं क्योंकि स्वभाव में इस प्रकार के बदलाव अचानक किसी भी परिस्थिति में कभी भी सामने आ सकते हैं. इस कारण, अक्सर माता पिता अपने बच्चे के व्यवहार के कारण शर्मिंदगी महसूस करने लगते हैं. उन्हें यह भी अहसास हो जाता है कि वे अपने बच्चे के व्यवहार को बदल नहीं सकते न ही उसे तुरंत शांत कर सकते हैं.

टेरिबल टू के क्या लक्षण होते हैं? (What are the signs of terrible twos?)

"टेरिबल टू" की अवस्था में माता पिता बच्चे के व्यवहार में नीचे दिए बदलाव देख सकते हैं:

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  • Tantrums गुस्सा दिखाना : बच्चा हर छोटी बात पर नाराज होना शुरू कर देता है. कभी कभी इसके कारण बहुत ही साधारण होते हैं. जैसे, खुद से दरवाजा न खोल पाना.
  • Mood swings मूड स्विंग : मूड स्विंग भी एक बड़ा लक्षण है. एक पल बच्चा अच्छे से टीवी देख रहा होगा या खेल रहा होगा, वहीं अगले ही पल वह रोना शुरू कर देता है.
  • Screaming चिल्लाना : इस अवस्था में बच्चे चीखना चिल्लाना भी शुरू कर देते हैं. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि वे अपनी भावनाओं और जरूरतों को सही से प्रकट नहीं कर पाते हैं.
  • Fighting झगड़ा : बहुत से बच्चे अपने साथ के बच्चों से इस दौरान झगड़ना भी शुरू कर देते हैं.

क्या आपके बच्चे के "टेरिबल टू" की शुरुआत हो चुकी है? (Have the "terrible twos" begun for your child?)

माता पिता अक्सर बाल रोग विशेषज्ञ से पूछते हैं - टेरिबल टू कब से शुरू होता है? वे यह सवाल इसलिए करते हैं ताकि इस अवधि में वे अपने बच्चे के व्यवहार को अच्छे से संभाल सकें. लेकिन, बच्चे के "टेरिबल टू" की अवधि कब से शुरू होगी, इसका कोई निश्चित समय नहीं है.

यह अवस्था तब भी शुरू हो सकती है जब बच्चा एक वर्ष का हो और उसके तीन वर्ष के होने तक जारी रह सकती है. उसके बदलते व्यवहार पर माता पिता को नजर बनाए रखनी चाहिए जिससे वे उसे इससे उबरने में मदद कर सकते हैं.

यह समस्या व्यवहारिक है या टेरिबल टू ? (Is the problem a behavioural one or the terrible twos?)

आम तौर पर, तीन वर्ष की आयु से पहले बच्चों का गुस्सा दिखाना, झगड़े और मूड स्विंग आम समस्या है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इस उम्र में बच्चों की शब्दावली बेहद सीमित होती है और वे अपनी भावनाओं को सही से प्रकट नहीं कर पाते.

माता-पिता को तब चिंतित होना चाहिए जब बच्चा तीन साल का होने के बाद भी गुस्सा दिखाता हो. तीन साल की आयु से ज्यादा के बच्चों में स्वभावगत समस्याओं के कुछ लक्षण नीचे दिए गए हैं:

  • एक ही दिन में कई बार देर तक नाराजगी जताते रहना.
  • कुछ समय के बाद तक भी बच्चा खुद को शांत नहीं कर पता.
  • नाराजगी के दौरान बच्चा खुद को या दूसरों को चोट पहुंचा देता हो.

अगर माता पिता को लगता है कि उनके बच्चे के व्यवहार में कुछ कमी है, तो उन्हें बाल रोग विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए.

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क्या सभी बच्चे ऐसा अनुभव करते हैं? (Do all kids experience it?)

सभी बच्चे "टेरिबल टू" अवस्था से होकर गुजरते हैं, लेकिन हर माता-पिता का अलग अनुभव होता है. ऐसा इसलिए क्योंकि कुछ बच्चे दूसरों की तुलना में प्राकृतिक रूप से बेहतर तरीके से ढलना सीख जाते हैं जिस कारण वे कम नाराजगी जताते हैं. कुछ बच्चे शांत होते हैं और वे गुस्सा या चिड़चिड़ापन आसानी से नहीं जताते. ऐसे बच्चों के माता-पिता इस दौरान किसी भी समस्या का सामना नहीं करते लेकिन दूसरों के लिए यह दौर कठिन हो सकता है.

इस अवस्था को ख़त्म होने में कितना वक़्त लगता है ? (How long does this phase last?)

दूसरा बड़ा सवाल जो माता-पिता बाल रोग विशेषज्ञ से पूछते हैं- टेरिबल टू कब खत्म होता है? इस सवाल का जवाब थोड़ा जटिल है. ज्यादातर बच्चे तीन वर्ष की आयु तक अच्छे से बोलना सीख जाते हैं. इसलिए वे अपने आप को बेहतर तरीके से प्रकट कर पाते हैं, जिससे वे कम चिड़चिड़े होते हैं या बहुत ज्यादा गुस्सा नहीं करते. ऐसे बच्चे कम नाराजगी जताते हैं और पहले से ज्यादा समझदार होते हैं.

लेकिन कभी-कभी, बच्चे बड़े होने के बावजूद नाराजगी जताना नहीं छोड़ते. ऐसे बच्चों के माता-पिता को इस परिस्थिति को समय रहते संभालना आना चाहिए नहीं तो यह उनकी आदत बन सकती है.

टेरिबल टू से निपटने के तरीके (Tips for dealing with the terrible twos)

"टेरिबल टू" अवस्था के दौरान बच्चों को नियंत्रित करने के लिए माता-पिता नीचे दिए तरीके अपना सकते हैं :

  • बच्चे के अच्छे व्यवहार की सराहना करें और खराब व्यवहार पर ध्यान न दें.
  • जब बच्चा नाराजगी जताए तो उसका ध्यान भटकाने की कोशिश करें.
  • भूख लगने या नींद आने पर बच्चे के चिड़चिड़े स्वभाव से बचने के लिए उसके सोने और खाना खाने का समय सुनिश्चित करें.
  • बच्चों को निर्णय लेने का मौका दें ताकि वे खुद को महत्वपूर्ण महसूस कर सकें.
  • बच्चे के नाराजगी जताते वक्त शांत बने रहें और अपना ध्यान न भटकाएं.

सहायता कब प्राप्त करें? (When to get assistance?)

माता-पिता को उस वक्त सहायता लेनी चाहिए जब उन्हें अपने बच्चे का व्यवहार असामान्य लगने लगे. हिंसक बच्चों को स्वास्थ्य समस्याओं के चलते दवाओं की जरूरत पड़ती है.

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निष्कर्ष (Conclusion)

"टेरिबल टू" बचपन की एक अवस्था मात्र है. माता-पिता को इसके लिए चिंतित नहीं होना चाहिए, बल्कि इसकी जगह उन्हें बच्चों के विकास और सेहत पर गौर करना चाहिए.

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Written by

Parul Sachdeva

A globetrotter and a blogger by passion, Parul loves writing content. She has done M.Phil. in Journalism and Mass Communication and worked for more than 25 clients across Globe with a 100% job success rate. She has been associated with websites pertaining to parenting, travel, food, health & fitness and has also created SEO rich content for a variety of topics.

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