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In this Article

  • एफएसएच एलएच प्रोलैक्टिन टेस्ट क्या होता है? (FSH LH Prolactin Test in Hindi)
  • एफएसएच (फॉलिकल-स्टिम्युलेटिंग हार्मोन) टेस्ट (Follicle-Stimulating Hormone Test in Hindi)
  • एलएच (ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन) टेस्ट (Luteinizing Hormone Test in Hindi)
  • प्रोलैक्टिन टेस्ट (Prolactin Test in Hindi)
  • एफएसएच एलएच प्रोलैक्टिन टीएसएच टेस्ट की प्रक्रिया क्या होती है? (Procedure of FSH LH Prolactin TSH Test in Hindi)
  • 1. ब्लड सैंपल कलेक्शन (Blood sample collection)
  • 2. लैब में विश्लेषण (Laboratory analysis)
  • 3. रिज़ल्ट और व्याख्या (Results and interpretation)
  • 4. चर्चा और ट्रीटमेंट प्लान (Discussion and treatment plan)
  • एफएसएच एलएच प्रोलैक्टिन टेस्ट की तैयारी कैसे करें? (How to Prepare for FSH LH Prolactin Test in Hindi)
  • 1. डॉक्टर से परामर्श करें (Consultation with your doctor)
  • 2. ज़रूरत हो तो फास्टिंग करें (Follow any fasting requirements)
  • 3. मेडिकेशन और सप्लीमेंट की जानकारी दें (Medication and supplement information)
  • 4. समय (Time)
  • एफएसएच टेस्ट की नॉर्मल रेंज क्या होती है? (FSH Test Normal Range in Hindi)
  • एलएच टेस्ट की नॉर्मल रेंज क्या होती है? (LH test normal range in Hindi)
  • टीएसएच टेस्ट की नॉर्मल रेंज क्या होती है? (TSH test normal range in Hindi)
  • प्रोलैक्टिन टेस्ट की नॉर्मल रेंज क्या होती है? (Prolactin test normal range in Hindi)
  • प्रो टिप (Pro Tip)
FSH, LH, Prolactin Test in Hindi | FSH, LH, Prolactin टेस्ट क्या होते हैं? फर्टिलिटी पर इनका क्या असर होता है

Scans & Tests

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FSH, LH, Prolactin Test in Hindi | FSH, LH, Prolactin टेस्ट क्या होते हैं? फर्टिलिटी पर इनका क्या असर होता है

22 September 2023 को अपडेट किया गया

Medically Reviewed by

Dr. Shruti Tanwar

C-section & gynae problems - MBBS| MS (OBS & Gynae)

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अगर आप एक नन्ही-सी जान को इस दुनिया में लाने के बारे में सोच रहे हैं, तो इसके पहले आपको अपने शरीर को अच्छी तरह से समझना होगा. कुछ कपल्स ऐसे होते हैं, जिनकी प्रेग्नेंसी आसानी से प्लान हो जाती है लेकिन कुछ कपल्स ऐसे भी होते हैं, जिन्हें काफ़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. चलिए इस आर्टिकल के ज़रिये आपको उन टेस्ट के बारे में बताते हैं, जो आपके गर्भधारण के सफ़र को आसान बनाने में मदद कर सकते हैं.

एफएसएच एलएच प्रोलैक्टिन टेस्ट क्या होता है? (FSH LH Prolactin Test in Hindi)

एफएसएच, एलएच और प्रोलैक्टिन टेस्ट ब्लड टेस्ट का एक ग्रुप होता है, जिससे हार्मोन्स के संतुलन और फर्टिलिटी की जानकारी मिलती है. दरअसल, एफएसएच (फॉलिकल-स्टिम्युलेटिंग हार्मोन), एलएच (ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन), और प्रोलैक्टिन वे हार्मोन्स हैं, जो मासिक धर्म चक्र को कंट्रोल करते हैं और रिप्रोडक्टिव हेल्थ को सपोर्ट करते हैं. ब्लड में इन हार्मोन्स को चेक करके फर्टिलिटी के महत्वपूर्ण पहलुओं; जैसे कि ओवरियन फंक्शन, ओव्यूलेशन और हार्मोन्स के असंतुलन का पता लगाया जाता है.

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एफएसएच (फॉलिकल-स्टिम्युलेटिंग हार्मोन) टेस्ट (Follicle-Stimulating Hormone Test in Hindi)

एफएसएच महिलाओं में ओवेरियन फॉलिकल की ग्रोथ और डेवलपमेंट में मदद करता है, वहीं यह पुरुषों में स्पर्म के प्रोडक्शन में सहायता करता है. एफएसएच का असामान्य लेवल महिलाओं में पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (Polycystic ovary syndrome) और पुरुषों में स्पर्म प्रोडक्शन जैसी समस्याओं की ओर इशारा करता है.

इसे भी पढ़ें : गर्भधारण में परेशानी? ये फर्टिलिटी टेस्ट कर सकते हैं आपकी मदद!

एलएच (ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन) टेस्ट (Luteinizing Hormone Test in Hindi)

एलएच महिलाओं में ओव्यूलेशन और पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन के प्रोडक्शन को उत्तेजित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. ऐसे में एलएच टेस्ट से ओव्यूलेशन के समय का पता लगाया जा सकता है. साथ ही, इस टेस्ट से अनियमित मासिक धर्म चक्र, एनोव्यूलेशन (ओव्यूलेशन की कमी), या कुछ हार्मोनल डिसऑर्डर का भी पता लगाने में मदद मिलती है.

इसे भी पढ़ें : गर्भधारण के लिए ज़रूरी है ओव्यूलेशन. जानें कैसे करते हैं इसे ट्रैक

प्रोलैक्टिन टेस्ट (Prolactin Test in Hindi)

प्रोलैक्टिन महिलाओं में ब्रेस्ट डेवलपमेंट और मिल्क प्रोडक्शन के लिए ज़िम्मेदार होता है. हाई प्रोलैक्टिन लेवल हाइपरप्रोलैक्टिनीमिया (Hyperprolactinemia) का संकेत होता है. इसके कारण ओव्यूलेशन में समस्या होती है, जो आगे चलकर अनियमित मासिक धर्म चक्र या इनफर्टिलिटी का कारण बन सकती है.

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इसे भी पढ़ें : गर्भधारण के लिए कैसे करें असंतुलित हार्मोन्स को संतुलित?

एफएसएच एलएच प्रोलैक्टिन टीएसएच टेस्ट की प्रक्रिया क्या होती है? (Procedure of FSH LH Prolactin TSH Test in Hindi)

एफएसएच, एलएच, प्रोलैक्टिन और टीएसएच (थायराइड स्टिमुलेटिंग हार्मोन) टेस्ट की प्रक्रिया में आमतौर पर इन स्टेप्स को फॉलो किया जाता है:

1. ब्लड सैंपल कलेक्शन (Blood sample collection)

इन टेस्ट के लिए सबसे पहले ब्लड सैंपल लिया जाता है. इसके लिए प्रोफेशनल हेल्थकेयर या डॉक्टर सुई की मदद से पेशेंट का ब्लड सैंपल लेते हैं.

2. लैब में विश्लेषण (Laboratory analysis)

कलेक्ट किए हुए ब्लड सैंपल को लैब में भेजा जाता है, जहाँ पर ब्लड सैंपल में एफएसएच (FSH), एलएच (LH), प्रोलैक्टिन (Prolactin) और टीएसएच हार्मोन (TSH hormone) का विश्लेषण किया जाता है.

3. रिज़ल्ट और व्याख्या (Results and interpretation)

लैब में सैंपल का विश्लेषण हो जाने के बाद आपके हेल्थकेयर हार्मोन्स रेफरेंस रेंज चेक करेंगे. रिज़ल्ट की समीक्षा करने के बाद वह आपको आगे की प्रोसेस के बारे में बताएँगे.

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4. चर्चा और ट्रीटमेंट प्लान (Discussion and treatment plan)

आपके डॉक्टर या हेल्थकेयर आपको बताएँगे कि टेस्ट रिज़ल्ट का आपकी फर्टिलिटी क्षमता पर क्या असर हुआ है. रिज़ल्ट के आधार पर वह आपको मेडिकेशन, लाइफस्टाइल में बदलाव और फर्टिलिटी ट्रीटमेंट सुझा सकते हैं. हालाँकि, हार्मोन्स के असंतुलन को चेक करने के लिए वह आपको और टेस्ट करवाने के लिए भी कह सकते हैं.

एफएसएच एलएच प्रोलैक्टिन टेस्ट की तैयारी कैसे करें? (How to Prepare for FSH LH Prolactin Test in Hindi)

एफएसएच (FSH), एलएच (LH), प्रोलैक्टिन (Prolactin) और टीएसएच (थायराइड स्टिमुलेटिंग हार्मोन) (Thyroid stimulating hormone) टेस्ट की तैयारी के लिए नीचे बताए गए दिशानिर्देशों का पालन करें:

1. डॉक्टर से परामर्श करें (Consultation with your doctor)

डॉक्टर के साथ अपॉइंटमेंट बुक करें और उनसे टेस्ट के बारे में डिटेल में बात करें.

2. ज़रूरत हो तो फास्टिंग करें (Follow any fasting requirements)

कुछ टेस्ट भूखे पेट करवाये जाते हैं. इसलिए टेस्ट करवाने से पहले अपने डॉक्टर से पूछ लें.

3. मेडिकेशन और सप्लीमेंट की जानकारी दें (Medication and supplement information)

अगर आप किसी भी तरह की मेडिसिन या सप्लीमेंट ले रहे हैं, तो इस बारे में पहले ही अपने डॉक्टर को बता दें, क्योंकि इससे रिज़ल्ट पर असर पड़ सकता है.

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4. समय (Time)

आपके डॉक्टर आपके मासिक धर्म चक्र (Menstrual cycle) की हिस्ट्री और फर्टिलिटी से संबंधित समस्या के आधार पर आपको टेस्ट करवाने के लिए कोई निश्चित समय बता सकते हैं.

एफएसएच टेस्ट की नॉर्मल रेंज क्या होती है? (FSH Test Normal Range in Hindi)

एफएसएच (फॉलिकल-स्टिम्युलेटिंग हार्मोन) के स्तर की नॉर्मल रेंज उम्र और जेंडर के आधार पर थोड़ी अलग हो सकती है. रिप्रोडक्टिव वर्षों में महिलाओं के लिए एफएसएच की नॉर्मल रेंज 4 और 10 इंटरनेशनल यूनिट प्रति लीटर (IU/L) होती है. वहीं, पेरिमेनोपॉज़ और मेनोपॉज के दौरान एफएसएच का स्तर 10 IU/L से ऊपर बढ़ जाता है. इसके अलावा, वयस्क पुरुषों के लिए FSH की नॉर्मल रेंज आमतौर पर 1 और 12 IU/L के बीच होती है.

एलएच टेस्ट की नॉर्मल रेंज क्या होती है? (LH test normal range in Hindi)

मासिक धर्म चक्र (Menstrual cycle) के प्रारंभिक फॉलिकल फेस (ओव्यूलेशन से पहले) के दौरान महिलाओं के लिए एलएच स्तर आमतौर पर कम होता है. यह 1 से 10 इंटरनेशनल यूनिट प्रति लीटर (IU/L) हो सकता है. जैसे-जैसे प्रक्रिया आगे बढ़ती है, एलएच का लेवल बढ़ता है और यह ओव्यूलेशन से ठीक पहले 25 से 40 IU/L तक पहुँच जाता है. ओव्यूलेशन के बाद, एलएच का लेवल कम हो जाता है.वयस्क पुरुषों के लिए एलएच की नॉर्मल रेंज आमतौर पर 1 और 9 IU/L के बीच होती है.

इसे भी पढ़ें: क्या ओव्यूलेशन की संभावनाओं को बढ़ाया जा सकता है?

टीएसएच टेस्ट की नॉर्मल रेंज क्या होती है? (TSH test normal range in Hindi)

आमतौर पर वयस्कों में TSH की नॉर्मल रेंज 0.4 और 4.0 मिली-इंटरनेशनल यूनिट प्रति लीटर (mIU/L) के बीच होती है. हालाँकि, अलग-अलग लैब में इस रेंज में थोड़ा बदलाव हो सकता है. प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में TSH का स्तर कम होता है, जिसकी स्टेंडर्ड रेंज लगभग 0.1 से 2.5 mIU/L होती है. दूसरी और तीसरी तिमाही में टीएसएच का स्तर थोड़ा बढ़ सकता है लेकिन आमतौर पर यह नॉर्मल रेंज के भीतर ही रहता है.

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प्रोलैक्टिन टेस्ट की नॉर्मल रेंज क्या होती है? (Prolactin test normal range in Hindi)

महिलाओं में प्रोलैक्टिन की नॉर्मल रेंज आमतौर पर 2 से 29 नैनोग्राम प्रति मिलीलीटर (एनजी/एमएल) के बीच होती है. वहीं, प्रेग्नेंसी के दौरान प्रोलैक्टिन का स्तर बढ़ जाता है. गर्भवती महिलाओं में प्रोलैक्टिन की नॉर्मल रेंज काफ़ी अलग हो सकती है लेकिन यह आम तौर पर उन महिलाओं से अधिक होती है, जो गर्भवती नहीं हैं. इसके अलावा, पुरुषों में प्रोलैक्टिन की नॉर्मल रेंज आमतौर पर कम होती है. पुरुषों में यह रेंज 2 से 18 एनजी/एमएल तक होती है.

उम्मीद है कि अब आप समझ गए होंगे कि फर्टिलिटी से संबंधित समस्याओं को दूर करने में एफएसएच (FSH), एलएच (LH) प्रोलैक्टिन टेस्ट (Prolactin test) का क्या रोल होता है.

प्रो टिप (Pro Tip)

अगर आप अनियमित मासिक चक्र, ओव्यूलेशन में समस्या या फर्टिलिटी से संबंधित अन्य कोई समस्या का सामना कर रहे हैं, तो बिना देरी किए तुरंत अपने डॉक्टर से बात करें. आपकी मेडिकल कंडीशन के आधार पर वे आपको सही टेस्ट और ट्रीटमेंट सुझा सकते हैं.

रेफरेंस

1. Fatemeh Lavaee, Nazila Bazrafkan, Fateme Zarei, & Maryam Shahrokhi Sardo. (2021). Follicular-Stimulating Hormone, Luteinizing Hormone, and Prolactin Serum Level in Patients with Oral Lichen Planus in Comparison to Healthy Population.

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2. Skowronski, Mlotkowska, Tanski, Lepiarczyk, Kempisty, et al. (2019). Pituitary Hormones (FSH, LH, PRL, and GH) Differentially Regulate AQP5 Expression in Porcine Ovarian Follicular Cells.

3. Yang H, Lin J, Li H, Liu Z, Chen X, Chen Q. (2021). Prolactin Is Associated With Insulin Resistance and Beta-Cell Dysfunction in Infertile Women With Polycystic Ovary Syndrome.

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Jyoti Prajapati

Jyoti is a Hindi Content Writer who knows how to grip the audience with her compelling words. With an experience of more

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