गर्भावस्था के दौरान खर्राटों से छुटकारा पाने के टिप्स
hamburgerIcon

Search for

Orders

login

Profile

Skin CareHair CarePreg & MomsBaby CareDiapersMoreGet Mylo App

Get MYLO APP

Install Mylo app Now and unlock new features

💰 Extra 20% OFF on 1st purchase

🥗 Get Diet Chart for your little one

📈 Track your baby’s growth

👩‍⚕️ Get daily tips

OR

Cloth Diapers

Diaper Pants

This changing weather, protect your family with big discounts! Use code: FIRST10This changing weather, protect your family with big discounts! Use code: FIRST10
ADDED TO CART SUCCESSFULLY GO TO CART

Article Continues below advertisement

  • Home arrow
  • Snoring arrow
  • Snoring During Pregnancy in Hindi | प्रेग्नेंसी में खर्राटों से कैसे छुटकारा पाएँ? arrow

In this Article

  • गर्भावस्था के दौरान खर्राटे क्यों बढ़ जाते हैं?
  • गर्भावस्था के दौरान खर्राटे क्या भविष्य में होने वाली किसी गंभीर बीमारी का संकेत हैं?
  • · क्या खर्राटों स स्लीप एप्निया हो सकता है?
  • · गर्भावस्था में खर्राटे की वजह से क्या प्रीक्‍लैंप्‍सिया की समस्या हो सकती है?
  • · गर्भवस्था के दौरान खर्राटे लेना क्या गर्भावस्था डायबिटीज की निशानी है?
  • · क्या खर्राटों का प्रसवकाल में अवसाद से कोई संबंध है क्या?
  • खर्राटों की शुरुआत कब होती है?
  • खर्राटे लेने की आदत कब छुटती है?
  • गर्भावस्था के दौरान खर्राटों से कैसे बचें?
  • · करवट लेकर सोएः गर्भावस्था में इस बात की सलाह दी जाती है कि आप करवट लेकर सोएं। इससे ब्लड सर्कुलेशन अच्छा रहता है और आपके शरीर के अंदरूनी अंगों पर वज़न भी नहीं आता है। पीठ के बल सोने से आपके एयरवेज़ पर दबाव पड़ता है और इसकी वजह से खर्राटे और भी ज़्यादा बढ़ जाते हैं। गर्भावस्था में पेट बड़ा होने की वजह से ऐसे सोना आपके लिए ठीक नहीं है। खर्राटों से बचने के लिए बाई करवट पर सोना बेहतर विकल्प है।
  • · अच्छा खाएं और अपनी डायट बदलेः गर्भवस्था में वज़न बढ़ने की एक सीमा होती है, नहीं तो खर्राटों की समस्या शुरू हो सकती है। गर्भावस्था में एक महिला का वज़न औसतन 25 पाउंड तक बढ़ता है। इससे ज़्यादा वज़न बढ़ने से आपके एयरवेज़ पर दबाव बढ़ सकता है। इससे बचने के लिए गर्भावस्था के दौरान खाने में ली जाने वाली कैलोरी को कम करें और हेल्थ के लिए नुकसानदायक और ज़्यादा कैलोरी वाली चीज़ें खाने अपनी डायट से हटाएं। अगर आपको लगता है कि बढ़ते वज़न से खर्राटों की समस्या हो सकती है, तो हेल्दी और कम कैलोरी वाली चीज़े खाने में शामिल करें।
  • · नींद की गोलियां न लेः नींद की ये गोलियां आपके बच्चे की ग्रोथ पर असर डाल सकती हैं इसलिए, नींद की गोलियां लेना ठीक नहीं है। ऐसी किसी भी चीज़ से बचें जो आपके गले को बंद करके खर्राटे शुरू कर सकती है। इनमें दो मुख्य चीज़ें है तंबाकू और शराब, इनकी वजह से आपका गला सूख सकता है इसलिए इनसे दूरी बनाएं रखें।
  • · खुद को सहारा देः कई बार अपने सिर को थोड़ा ऊपर उठाने से भी राहत मिल जाती है। गर्भावस्था के दौरान, कई महिलाएं अपने सिर, पेट और पैर के नीचे एक-एक तकिया लेकर सोती हैं। अपने सिर को थोड़ा ऊंचा उठाने से आपके एयरवेज ठीक रहते हैं और इससे गर्भावस्था के आगे के चरणों में खर्राटों के लक्षणों से राहत मिलती है।
  • गर्भावस्था के दौरान खर्राटों को रोकने के लिए कुछ प्रोडक्ट
  • · नेज़ल स्ट्रिपः ये नॉन- मेडिकेटेड प्रोडक्ट होते हैं जो गर्भवति महिलाओं के लिए सही होते हैं। ये डिवाइस या तो आपके नॉस्ट्रिल में फिट हो जाते हैं या नाक पर ब्रिज की तरह लग जाते हैं और आराम से आपकी नाक के एयर पैसेज को खुला रखने के काम काम करते हैं। इससे सोते समय खर्राटों की समस्या कम हो जाती है। ये कम महंगे और किसी भी मेडिकल स्टोर पर मिल जाते हैं।
  • · ह्यूमिडिफायर: गर्म और ठंडी धुंध वाले ह्यूमिडिफायर इस्तेमाल करें। यह नाक बंद होने की समस्या को रोकते हैं जो कि खर्राटों का एक अहम कारण है। नेसल स्ट्रिप के साथ इस्तेमाल करने पर यह काफी कारगर साबित होते हैं। हालांकि, आप चाहें तो इन्हें अकेले भी इस्तेमाल कर सकती हैं। यह लंबे समय तक काम आ सकते हैं, जैसे कि आपके बच्चे को अगर सर्दी लग जाए, तो इनका इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • · ऊंचाई के लिए तकियाः यह खास तरह के तकिये होते हैं जो गर्भवति महिलाओं के काम आते हैं। यह आपके नाक के एयरवेज को खुला रखते हैं और खर्राटों को रोकते हैं। यह आपको अच्छी नींद लेने में मदद करते हैं और वज़न को भी सही तरह से मैनेज करते हैं।
  • गर्भावस्था के दौरान अच्छी नींद कैसे लें
  • निष्कर्ष
Snoring During Pregnancy in Hindi | प्रेग्नेंसी में खर्राटों से कैसे छुटकारा पाएँ?

Snoring

views icons19780

Snoring During Pregnancy in Hindi | प्रेग्नेंसी में खर्राटों से कैसे छुटकारा पाएँ?

8 August 2023 को अपडेट किया गया

गर्भावस्था में आपकी शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं। बढ़े हुए पेट के अलावा आप अपने दिल की असंयमित धड़कन (पल्पिटेशन) के साथ साथ खर्राटे लेने जैसी चीजे भी नोटिस कर सकती हैं। हालांकि, आप ऐसी पहली महिला नहीं हैं जो गर्भावस्था के दौरान खर्राटे लेने लगी हैं। ऐसा अनुमान है कि 50% प्रेगनेंट महिलाएं, गर्भावस्था के दौरान लगातार खर्राटे लेने की समस्या का सामना करती हैं और इनमें से कई ऐसी होती हैं जिन्होंने कभी खर्राटे नहीं लिए। यह दावा उस नियम के खिलाफ है जिसमें कहा गया है कि पुरुषों के मुकाबले महिलाएं कम खर्राटे लेती हैं। असल में हर उम्र की 20% से ज़्यादा महिलाएं खर्राटे लेती हैं। खर्राटे, आपकी उन परिवर्तनों की लिस्ट में सबसे नीचे हो सकते हैं जो गर्भावस्था के दौरान आपके शरीर में होते हैं। अगर आपने गर्भावस्था के दौरान खुद को खर्राटे लेते पाया है, तो हो सकता है यह आपके लिए एक बड़ी चिंता का विषय हो कि यह क्यों हो रहा है? क्या वाकई में इसके लिए आपको चिंता करनी चाहिए? और इसे रोकने के क्या तरीके हैं?

गर्भावस्था के दौरान खर्राटे क्यों बढ़ जाते हैं?

गर्भावस्था के दौरान खर्राटे लेने बेहद आम बात है, लेकिन आपकी नाक के ऊपरी एयरवेज़, बढ़े हुए वज़न और सांस लेने की आदत ये सभी चीज़ें आपस में मिलकर आपके खर्राटों को और बढ़ा देती हैं। इनके अलावा और भी कुछ कारण हैं जिनके बारे में नीचे बताया गया हैः

· ब्लडः गर्भवस्था के दौरान आपके शरीर में प्लाज्मा की मात्रा, सामान्य स्थिति के मुकाबले 40-50% ज्यादा होती है। यह बढ़ी हुई मात्रा आपके पेट में पल रहे बच्चे के लिए जरूरी है। यह आपके शरीर में खून की उस कमी से निपटने में भी आपकी मदद करता है जो प्रसव के समय संभवतः हो सकती है। हालांकि, खून की इतनी बढ़ी हुई मात्रा के कुछ नुकसान भी हो सकते हैं और इसका असर उन अंगों पर पड़ सकता है जो खर्राटों के लिए जिम्मेदार होते हैं। इसकी वजह से आपके एयरवेज़ सिकुड़ सकते हैं। इससे, इनमें से गुजरने वाली हवा का दबाव डालती है। हो सकता है आपको ऐसा महसूस हो कि आपकी नाक बंद हो गई है। लगभग 42% महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान नेजल स्वेलिंग की समस्या राइनाइटिस होती है और वो भी तीसरे सेमेस्टर के आखिर में। इसलिए, इस दौरान खर्राटे लेने और मुंह से सांस लेने की आदत बढ़ जाती है।

Article continues below advertisment

· वज़नः गर्भावस्था के दौरान बढ़ते वजन की वजह से आपके सांस लेने के तरीके में भी बदलाव आता है। जैसे-जैसे आपका गर्भ बढ़ता है, यह आपके अंगों को ऊपर और बाहर की तरफ धकेलने लगता है और इस वजह से आपका डायफ्राम भी ऊपर की ओर जाने लगता है। इसकी वजह से फेंफड़ों में रेसिडुअल वॉल्यूम बनता है और इस वजह से आपके गले में रुकावट पैदा करता है। इस वजह से खर्राटे आने लगते हैं।

· सांस लेने में बदलावः गर्भावस्था के दौरान आप एक नहीं बल्कि दो लोगों के लिए खाती हैं और दो लोगों के लिए सांस लेती हैं। गर्भावस्था के दौरान आप कैसे सांस लेते हैं यह कई परिवर्तनों को प्रेरित करता है जैसे कि सांस लेने की प्रक्रिया में तेजी और एक तय समय में आप कितनी सांस लेती और छोड़ती हैं उसमें परिवर्तन होना। इनकी वजह से शरीर में एक नकारात्मक दबाव बनता है और इस वजह से खर्राटे आ सकते हैं।

· हार्मोनः गर्भावस्था के दौरान एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रॉन हार्मोन बढ़ जाते हैं जो आपके होने वाले बच्चे की ग्रोथ के लिए फायदेमंद होते हैं। लेकिन इनकी वजह से आपके एयरवेज में प्रेशर बढ़ जाता है और आपको खर्राटे या नींद न आने की समस्या हो सकती है। हार्मोन का बढ़ा हुआ स्तर आपकी नाक के टिशू फुल सकते हैं जिस वजह से आपको अपनी भरी हुई लग सकती है या आपको प्रेगनेंसी राइनाइटिस हो सकता है।

· इनवायरमेंटल फैक्टरः आप संभवतः ड्राय एयर जैसे इनवायरमेंटल फैक्टर से प्रभावित हो सकती हैं। यह ऐसी चीज़ें हैं जो आपकी नाक के पैसेज को प्रभावित कर सकते हैं। इस वजह से भी आपको खर्राटे आ सकते हैं। एक और कारण यह हो सकता है कि गर्भावस्था के दौरान नींद से जुड़ी दिक्कतों या धूम्रपान करने या उसके संपर्क में आने की वजह से होने वाली दिक्कतों के कारण खर्राटे की समस्या हो सकती है।

गर्भावस्था के दौरान खर्राटे क्या भविष्य में होने वाली किसी गंभीर बीमारी का संकेत हैं?

कुछ शोध बताते हैं कि खर्राटे न लेने वाली गर्भवती महिलाओं की तुलना में खर्राटे लेने वालों को कॉम्प्लिकेशन का खतरा ज़्यादा होता है। हालांकि, यह कोई सीधा कारण नहीं है, लेकिन उससे जुड़ा हो सकता है और अक्सर सामान्य गर्भावस्था में प्रारंभिक खर्राटों के अलावा अन्य मुद्दों से जुड़े हो सकते हैं। कुछ अध्ययनों ने खर्राटों का संबंध गर्भावस्था के बुरे नतीजों जैसे उच्च रक्तचाप, समय से पहले बच्चे के जन्म और गेस्टेस्टाइन डायबटीज से भी दिखाया है। गर्भावस्था के दौरान खर्राटों की वजह से कुछ समस्याएं इस प्रकार हो सकती हैं:

Article continues below advertisment

· क्या खर्राटों स स्लीप एप्निया हो सकता है?

ज़रूरी नहीं है कि खर्राटे लेने वाले हर व्यक्ति को यह बीमारी होती है या हो सकती है, लेकिन खर्राटों के साथ दूसरे लक्षण दिखने पर इसकी आशंका बढ़ जाती है। उदाहरण के लिए, मुंह सूखना, बार-बार सांस चलना और रुकना या सांस फूलना। अगर इसका इलाज न किया जाए, तो इससे आप और आपके बच्चे को ऑक्सीजन की कमी हो सकती है और इस वजह से गंभीर समस्याएं जैसे दिल की बीमारी और पल्मोनरी एंबोलिज्म हो सकती हैं। रातों में लगातार खर्राटे लेने के साथ-साथ इस तरह के लक्षण दिखे, तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

· गर्भावस्था में खर्राटे की वजह से क्या प्रीक्‍लैंप्‍सिया की समस्या हो सकती है?

प्रीक्‍लैंप्‍सिया असल में गर्भावस्था के दौरान हाई ब्लड प्रेशर की स्थिति को कहते हैं। अध्ययनों में यह बात सामने आई है कि खर्राटों की वजह से गर्भावस्था के दौरान होने वाले हाइपरटेंशन से जुड़ी समस्याओं जैसे प्रीक्‍लैंप्‍सिया हो सकती है। 20 हफ्तों की गर्भावस्था के बाद प्रीक्‍लैंप्‍सिया की समस्या बढ़ती है। इसके अन्य लक्षणों में सिरदर्द, तेजी से वज़न बढ़ना, सांस लेने में दिक्कत, धुंधला दिखना और यूरिन में प्रोटीन के अलावा टखनों, हाथों और चेहरे पर सूजन शामिल हैं। दूसरी कोई और समस्याएं न बढ़ जाएं इसके लिए इन दिक्कतों का समय पर इलाज ज़रूरी है।

· गर्भवस्था के दौरान खर्राटे लेना क्या गर्भावस्था डायबिटीज की निशानी है?

रिपोर्ट के अनुसार 2-10% महिलाएं गर्भावस्था डायबिटीज की शिकार होती हैं। कुछ अध्ययनों में, गर्भावस्था के दौरान सोने में होने वाली समस्याओं और गर्भावस्था डायबिटीज के बींच संबंध मिला है। शोधकर्ताओं का कहना है कि खर्राटे, स्लीप एप्निया और कम नींद की वजह से महिलाओं में गर्भावस्था डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। इसका पता लगाने के लिए, आपका डॉक्टर आपकी गर्भावस्था के 24 वें से 28वें हफ्ते के बीच आपके शरीर में ग्लूकोस की जांच कर सकता है। इससे गर्भावस्था डायबिटीज के लक्षणों का पता लगाने में मदद मिलती है।

· क्या खर्राटों का प्रसवकाल में अवसाद से कोई संबंध है क्या?

कुछ अध्ययनों में यह बात सामने आई है कि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में प्रसवकाल के अवसाद का खतरा होता है। गर्भावस्था के बाद की बजाय, इस तरह का अवसाद गर्भावस्था के दौरान ही होता है। एक अध्ययन में यह दावा किया गया है कि 34 प्रतिशत महिलाएं एक हफ्ते में 3-4 बार खर्राटे लेती हैं और इन महिलाओं में, खर्राटे न लेने वाली महिलाओं के मुकाबले अवसाद का खतरा ज़्यादा होता है।

खर्राटों की शुरुआत कब होती है?

गर्भावस्था के आखिरी हफ्तों में खर्राटों की आदत देखने को मिलती है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस दौरान शरीर में सूजन सबसे ज़्यादा होती है। हालांकि, इसकी शुरुआत दूसरे ट्रिमेस्टर से ही हो जाती है। हर महिला के अनुभव अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन महिलाओं के लिए यह आम समय है जब वे घर के बाकी लोगों को खर्राटे नोटिस करने के लिए जगाए रखें। अगर आपने अपने पहले ट्रिमेस्टर में ही खर्राटे लेना शुरू कर दिया है, तो इस बारे में अपने डॉक्टर से जरूर बात करें। ऐसा हो सकता है कि यह आपके शरीर में सिर्फ सूजन या खून के प्रवाह में तेजी के अलावा किसी और गंभीर समस्या का संकेत हो सकते हैं।

Article continues below advertisment

खर्राटे लेने की आदत कब छुटती है?

ये खर्राटे हमेशा नहीं रहते, इसलिए चिंता करने की ज़रूरत नहीं है। एक बार बच्चे का जन्म हो जाने पर आपका शरीर सामान्य स्थिति में आने लगता है, सूजन कम होने लगती है और वज़न कम हो जाता है, तो खर्राटे अपने-आप बंद हो जाते हैं।

गर्भावस्था के दौरान खर्राटों से कैसे बचें?

कुछ ऐसी चीज़ें हैं जो आप अपने घर पर ही रहकर कर सकती हैं और खर्राटों की समस्या से बच सकती हैं।

· करवट लेकर सोएः गर्भावस्था में इस बात की सलाह दी जाती है कि आप करवट लेकर सोएं। इससे ब्लड सर्कुलेशन अच्छा रहता है और आपके शरीर के अंदरूनी अंगों पर वज़न भी नहीं आता है। पीठ के बल सोने से आपके एयरवेज़ पर दबाव पड़ता है और इसकी वजह से खर्राटे और भी ज़्यादा बढ़ जाते हैं। गर्भावस्था में पेट बड़ा होने की वजह से ऐसे सोना आपके लिए ठीक नहीं है। खर्राटों से बचने के लिए बाई करवट पर सोना बेहतर विकल्प है।

· अच्छा खाएं और अपनी डायट बदलेः गर्भवस्था में वज़न बढ़ने की एक सीमा होती है, नहीं तो खर्राटों की समस्या शुरू हो सकती है। गर्भावस्था में एक महिला का वज़न औसतन 25 पाउंड तक बढ़ता है। इससे ज़्यादा वज़न बढ़ने से आपके एयरवेज़ पर दबाव बढ़ सकता है। इससे बचने के लिए गर्भावस्था के दौरान खाने में ली जाने वाली कैलोरी को कम करें और हेल्थ के लिए नुकसानदायक और ज़्यादा कैलोरी वाली चीज़ें खाने अपनी डायट से हटाएं। अगर आपको लगता है कि बढ़ते वज़न से खर्राटों की समस्या हो सकती है, तो हेल्दी और कम कैलोरी वाली चीज़े खाने में शामिल करें।

· नींद की गोलियां न लेः नींद की ये गोलियां आपके बच्चे की ग्रोथ पर असर डाल सकती हैं इसलिए, नींद की गोलियां लेना ठीक नहीं है। ऐसी किसी भी चीज़ से बचें जो आपके गले को बंद करके खर्राटे शुरू कर सकती है। इनमें दो मुख्य चीज़ें है तंबाकू और शराब, इनकी वजह से आपका गला सूख सकता है इसलिए इनसे दूरी बनाएं रखें।

· खुद को सहारा देः कई बार अपने सिर को थोड़ा ऊपर उठाने से भी राहत मिल जाती है। गर्भावस्था के दौरान, कई महिलाएं अपने सिर, पेट और पैर के नीचे एक-एक तकिया लेकर सोती हैं। अपने सिर को थोड़ा ऊंचा उठाने से आपके एयरवेज ठीक रहते हैं और इससे गर्भावस्था के आगे के चरणों में खर्राटों के लक्षणों से राहत मिलती है।

गर्भावस्था के दौरान खर्राटों को रोकने के लिए कुछ प्रोडक्ट

अगर इनमें से कोई भी चीज काम नहीं करती है, तो यह अच्छा होगा कि आप थोड़ी बाहरी मदद ले लें। आप अपने डॉक्टर से बात करके कुछ ऐसे प्रोडक्ट इस्तेमाल कर सकती हैं जो खर्राटों पर लगाम लगा सकते हैं।

· नेज़ल स्ट्रिपः ये नॉन- मेडिकेटेड प्रोडक्ट होते हैं जो गर्भवति महिलाओं के लिए सही होते हैं। ये डिवाइस या तो आपके नॉस्ट्रिल में फिट हो जाते हैं या नाक पर ब्रिज की तरह लग जाते हैं और आराम से आपकी नाक के एयर पैसेज को खुला रखने के काम काम करते हैं। इससे सोते समय खर्राटों की समस्या कम हो जाती है। ये कम महंगे और किसी भी मेडिकल स्टोर पर मिल जाते हैं।

· ह्यूमिडिफायर: गर्म और ठंडी धुंध वाले ह्यूमिडिफायर इस्तेमाल करें। यह नाक बंद होने की समस्या को रोकते हैं जो कि खर्राटों का एक अहम कारण है। नेसल स्ट्रिप के साथ इस्तेमाल करने पर यह काफी कारगर साबित होते हैं। हालांकि, आप चाहें तो इन्हें अकेले भी इस्तेमाल कर सकती हैं। यह लंबे समय तक काम आ सकते हैं, जैसे कि आपके बच्चे को अगर सर्दी लग जाए, तो इनका इस्तेमाल किया जा सकता है।

· ऊंचाई के लिए तकियाः यह खास तरह के तकिये होते हैं जो गर्भवति महिलाओं के काम आते हैं। यह आपके नाक के एयरवेज को खुला रखते हैं और खर्राटों को रोकते हैं। यह आपको अच्छी नींद लेने में मदद करते हैं और वज़न को भी सही तरह से मैनेज करते हैं।

गर्भावस्था के दौरान अच्छी नींद कैसे लें

विशेषतौर पर स्लीप हाइजीन बहुत ज़रूरी है। आपको ऐसा लग सकता है कि आपकी नींद अच्छी नहीं हो रही है या आपके खिंचाव, दर्द, खर्राटे और कोई परेशानियां हो सकती हैं। गर्भावस्था के दौरान अच्छी नींद के लिए यहां कुछ टिप्स दिए गए हैः

Article continues below advertisment

· कोशिश करें कि हर रोज़ आप एक ही समय पर सोने जाएं, ताकि आपके शरीर को इसकी आदत हो जाए। साथ ही, उठने का भी समय सेट करें।

· रोज के लिए अपना एक बेडटाइम रूटिन बनाएं जो सोने से पहले आपको रिलैक्स होने में मदद करे। उदाहरण के लिए, गर्म पानी से नहाना या कोई अच्छी किताब पढ़ना।

· कमरे में ज़्यादा रोशनी न रखें और इसे शांत और ठंडा रखें।

· बेडटाइमके पहले झपकियां लेने से बचें और एक तय समय पर ही सोएं।

· हफ्ते में कुछ हल्की फुल्की गतिविधियों की मदद से खुद को एक्टिव रखने की कोशिश करें। आमतौर पर 150 मिनट की एक्टिविटी की सलाह दी जाती है। आप चलने और तैरने जैसी एक्टिविटी अपना सकती हैं।

Article continues below advertisment

· रात में देर से कुछ भी खाने से बचे, खासतौर पर बेडटाइम के ठीक पहले खाने से हार्टबर्न और एसिड रिफ्लक्स जैसी समस्याएं

· दोपहर या शाम के वक्त कॉफी पीने से बचें, ताकि रात में अच्छी नींद ले सकें।

· अपने कमरे और बेड पर ही सोएं। कोई दूसरी एक्टिविटी न करें, मसलन स्मार्टफोन चलाना क्योंकि सोने के लिए दिमाग का शांत होना ज़रूरी है।

· हर रात 8.5 और 9.5 घंटे सोने का लक्ष्य बनाए, खासतौर पर उस स्थिति में जब आपकी नींद रात में बार-बार खुलती हो।

निष्कर्ष

गर्भावस्था के दौरान होने वाले बदलाव तेजी से हो सकते हैं। इसी तरह कुछ महिलाओं में खर्राटे गर्भावस्था की शुरुआत से लेकर बच्चे के जन्म तक रह सकते हैं। अगर आप भी खर्राटे ले रही हैं, तो ज़्यादा चिंता करने की ज़रूरत नहीं है, भले ही कुछ अध्ययनों में इससे जुड़ी दूसरी समस्याओं की बात कही गई हो। कोशिश करें कि कुछ दवाओं या दूसरे तरीकों से खर्राटे कम हो जाएं, चाहें तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

Article continues below advertisment

Is this helpful?

thumbs_upYes

thumb_downNo

Written by

Priyanka Verma

Priyanka is an experienced editor & content writer with great attention to detail. Mother to an 11-year-old, she's a ski

Read More

Get baby's diet chart, and growth tips

Download Mylo today!
Download Mylo App

RECENTLY PUBLISHED ARTICLES

our most recent articles

foot top wavefoot down wave

AWARDS AND RECOGNITION

Awards

Mylo wins Forbes D2C Disruptor award

Awards

Mylo wins The Economic Times Promising Brands 2022

AS SEEN IN

Mylo Logo

Start Exploring

wavewave
About Us
Mylo_logo

At Mylo, we help young parents raise happy and healthy families with our innovative new-age solutions:

  • Mylo Care: Effective and science-backed personal care and wellness solutions for a joyful you.
  • Mylo Baby: Science-backed, gentle and effective personal care & hygiene range for your little one.
  • Mylo Community: Trusted and empathetic community of 10mn+ parents and experts.